भारत के 1 फीसदी लोगों के पास पूरे देश के बजट से भी ज्यादा पैसा, बढ़ी अमीरी-गरीबी की खाई: रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारत में गरीबी और अमीरी को लेकर एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। जिससे साफ पता चल रहा है कि अमीरी और गरीबी के बीच की ये खाई कम नहीं हुई बल्कि और ज्यादा बढ़ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के एक फीसदी बेहद अमीर लोगों के पास देश के कुल 95.3 करोड़ लोगों से करीब चार गुना ज्यादा पैसा है। इन लोगों के पास इतनी संपत्ति है कि इसमें देश का पूरे एक साल का बजट बन जाए। ये बात विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की सालाना बैठक में जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में कही गई है।
63 अरबपतियों के पास बजट से भी अधिक संपत्ति
स्विटजरलैंड के दावोस शहर में डब्लूईएफ की 50वीं सालाना बैठक हुई। जिसमें ऑक्सफेम (Oxfam) कंफेडरेशन ने 'टाइम टू केयर' नाम से ये रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के कुल 2,153 अरबपतियों के पास धरती की कुल आबादी का 60 फीसदी हिस्सा रखने वाले 4.6 अरब लोगों से भी ज्यादा संपत्ति है। वहीं भारत को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां के 63 अरबपतियों के पास देश के कुल बजट से भी अधिक संपत्ति है। इस मामले में साल 2018-2019 बजट का संदर्भ लिया गया है।
अमीरों की संपत्ति एक दशक में दोगुनी हुई
रिपोर्ट के अनुसार, ना केवल भारत बल्कि दुनियाभर में अमीरों और गरीबों के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। अधिकतर अमीरों की संपत्ति एक दशक में दोगुनी हो चुकी है। वहीं अगर संयुक्त रूप में देखें तो उनकी संपत्ति पिछले एक साल में कुछ कम भी हुई है। रिपोर्ट को पेश करने वाले ऑक्सफेम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा, 'अमीरों और गरीबों के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है। इसे असमानता को कम करने वाली नीतियों को लाए बिना खत्म नहीं किया जा सकता। बहुत कम सरकारें ही ऐसा कर रही हैं।'
दुनिया की आधी जीडीपी प्रकृति पर निर्भर
इस अध्ययन में 163 औद्योगिक क्षेत्र और उनकी सप्लाई सीरीज का भी विश्लेषण किया गया है। जिससे ये पता चलाता है कि दुनिया की करीब आधी जीडीपी प्रकृति पर या फिर उससे मिलने वाली सेवाओं पर ही निर्भर है। इसमें बताया गया है कि प्रकृति पर ही दुनिया की 44,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है। जो दुनिया की जीडीपी का करीब आधा है।
CAA
पर
नेताजी
के
पड़पोते
ने
अपनी
ही
पार्टी
को
दिया
सुझाव,
कहा-
लोकतांत्रिक
देश
में
आप
नागरिकों
पर...