तीन सबसे गर्म वर्षों में एक हो सकता है साल 2017
साल 2017 का तापमान 1981-2010 के औसत तापमान से 0.47 डिग्री ज्यादा रहने की आशंका है
साल 2017 अभी तक के सबसे गर्म तीन सालों में से एक हो सकता है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के अनुसार जिन वर्षों में अल नीनो का असर नहीं रहा है, उनके मुकाबले 2017 सबसे गर्म साल हो सकता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक साल भर घटी असमान्य प्राकृतिक घटनाएं इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह हो सकती हैं.
यूएन क्लाइमेट टॉक्स के पहले दिन शोधकर्ताओं ने सालाना ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट पेश की.
एक सप्ताह पहले ही वैज्ञानिकों ने ग्रीनहाउस गैसों पर रिपोर्ट पेश की थी जिसके मुताबिक वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा अभी तक के रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा पाई गई है.
ये नया शोध जनवरी से सितंबर के बीच किया गया है. डब्ल्यूएमओ ने कहा है कि विश्व का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक सालों के मुकाबले 1.1 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है.
ये 1.5 डिग्री सेल्सियस के खतरनाक आंकड़े से थोड़ा ही कम है. दुनियाभर के कई द्वीप देशों का मानना है कि अगर तापमान पर काबू नहीं पाया गया तो वहां रहने वालों के जीवन के लिए खतरा हो सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 का तापमान 1981-2010 के औसत तापमान से 0.47 डिग्री ज्यादा रहने की उम्मीद है.
CO2 में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, आते विनाश का संकेत!
डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेतेरी तालास के मुताबिक,"पिछले तीन साल सबसे गर्म सालों की सूची में शीर्ष पर हैं. ये लंबे समय के लिए बढ़ते तापमान का संकेत है. हमने इस साल असमान्य मौसम देखा है, एशिया में तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया, बार-बार आए समुद्री तूफ़ानों से कैरेबियन और अटलांटिक और यहां तक की आयरलैंड में काफी नुकसान हुआ. पूर्वी अफ्रीका सूखे की चपेट में रहां."
उन्होंने कहा कि "ऐसे कई घटनाक्रम और विस्तृत वैज्ञानिक शोध से पता चलेगा कि इनमें से कितनी घटनाओं के पीछे मानवीय क्रियाक्लापों से पैदा होने वाली ग्रीनहाउस गैसों से हो रहे जलवायु परिवर्तन के स्पष्ट संकेत हैं. "
2017 में हुई घटनाओं को बढ़ते तापमान से जोड़कर देखने के लिए वैज्ञानिकों को और शोध करने होंगे. हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि चक्रवात जैसी घटनाओं के पीछे बढ़ते तापमान को मानाजा सकता है. गर्म समुद्र तूफान को ज्यादा गर्मी प्रदान कर सकता है जिससे समुद्र का स्तर बढ़ सकता है और इससे आने वाली बाढ़ और ख़तरनाक हो सकती है.
इस साल पहली बार हआ जब अमरीका में कैटेगरी 4 के दो समुद्री तूफान एक ही साल में आए. समुद्री तूफान इरमा कैटेगरी 5 का सबसे लंबे समय तक रहने वाला तूफान था. नेडरलैंड और टेक्सास में 1539 मिलीमीटर से ज्यादा की बारिश रिकॉर्ड की गई, जो कि एक बार में अमरीका में हुई सबसे ज़्यादा बारिश है.
सिएरा लियोन, नेपाल, बांग्लादेश और भारत में भी बाढ़ से जान माल का काफ़ी नुकसान हुआ. इथोपिया, केन्या और सोमालिया में 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने खाद्य संकट का सामना किया.
ब्रिटेन के रीडिंग विश्वविद्यालय के मौसल विज्ञान के प्रोफेसर रिचर्ड ऐलन के मुताबिक, "इस साल विध्वंसक असामान्य मौसम की कई घटनाएं हुईं. ये बहुत असामान्य नहीं है लेकिन ऐसी कई घटनाएं मानवीय गतिविधियों से वातावरण में बढ़ी ग्रीनहाउस गैसों के कारण तापमान बढ़ने से और ज़्यादा कष्टमय हो गईं."
इस समय जर्मनी के बोन शहर में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की अहम वार्ता हो रही है. इस नई रिपोर्ट से यहां आए प्रतिनिधियों में भी जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को लेकर गंभीरता और बढ़ेगी.