सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक पंजाब मेल के 107 साल पूरे, 89 की हुई डेक्कन क्वीन
नई दिल्ली। देश में सबसे पुरानी और लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेनों में से एक पंजाब मेल ने शनिवार को 107 साल पूरे किए हैं। 1 जून को डेक्कन क्वीन का जन्मदि भी है, जो कि मुंबई और पुणे को जोड़ती है। लोकप्रिय ट्रेनों में से एक डेक्कन क्वीन ने शनिवार को अपने परिचालन के 89 साल पूरे कर लिए हैं। जैसा की कहा जाता है कि पंजाब मेल या 'पंजाब लिमिटेड' ने एक जून 1912 को मुंबई से पेशावार के लिए रवाना हुई थी जो कि अब पाकिस्तान में है।
बताया जाता है कि यह सेवा मुख्य रूप से श्वेत 'साहबों' के लिए थी, लेकिन जल्द ही इसमें आम लोग भी यात्रा करने लगे थे। 1930 दे दशक में जब भारत आजाद नहीं हुआ था, के मध्य तक पंजाब मेल में तीसरी श्रेणी की कारें दिखाई देने लगीं थी। लेकिन 1945 में जाकर इसे एक वातानुकूलित बोगी मिली। सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुनील उदासी ने मीडिया को बताया कि विभाजन से पहले मुंबई के बल्लार्ड पियर मोल स्टेशन से पेशावर के लिए सभी तरह के ट्रेन चलती थी जो कि 47 घंटे में 2,496 किमी की दूरी तय करती थी।
उन्होंने कहा कि यह ट्रेन ब्रिटिश भारत की सबसे तेज ट्रेन के रूप में जानी जाती थी। लेकिन अब यह उत्तर की 1,930 किमी की दूरी 34 घंटे 15 मिनट में तय कर फिरोजपुर छावनी में समाप्त होती है। सुनील उदासी ने कहा कि ट्रेन में 6 बोगियां थी जिसमें तीन यात्रियों के लिए और तीन डाक माल और मेल के लिए। तीन बोगियों में यात्रियों की क्षमता 96 थी। ट्रेन में बाथरू के अलावा एक रेस्तरा कार और सामान और ब्रिटिश यात्रियों के नौकर के लिए अलग डिब्बे होते थे।
दूसरी ओर डेक्कन क्वीन को 1 जून, 1930 को सेंट्रल रेलवे के अग्रदूत, ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे की ओर से पेश किया गया था। इस ट्रेन के बारे में कहा जाता है कि यह पहली डीलक्स ट्रेन थी जो इस क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती थी। इसके नाम को पुणे से जोड़ते हुए रखा गया था, जिसे डेक्कन की रानी के रूप में जाना जाता है। दोनों शह के लोग इसके रिकॉर्ड से खुश हैं।
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