दो चरणों में हो सकते हैं एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव, 2019 से शुरुआत
नई दिल्ली। देश में विधानसभा और लोकसभा का इलेक्शन साथ कराने की शुरुआत 2019 से हो सकती है। 2019 के लोकसभा चुनावों के साथ कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव के साथ कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। लॉ कमीशन के एक आंतरिक वर्किंग पेपर में यह बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ दो चरणों 2019 और 2024 में कराए जा सकते हैं।
17 अप्रैल को विधि आयोग की बैठक
विधि आयोग ने इस मुद्दे से जुड़ी अपनी रिपोर्ट के मसौदे में सुझाव दिया है कि 2019 के आम चुनाव में इस प्रस्ताव पर आंशिक रूप से अमल किया जा सकता है और 2014 में बढ़ाया जा सकता है। इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान के नेतृत्व में 17 अप्रैल को बैठक होगी। आयोग सरकार की एक देश एक चुनाव की अवधारणा को लेकर सिर्फ इसमें आने वाली कानूनी पेचीदगियों को देखेगा।
ऐसे कराया जा सकता है चुनाव
पहला चरण (2019)- पहले चरण में आन्ध्र प्रदेश, असम, बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चुनाव कराने का प्रस्ताव है। इन राज्यों में 2021 में चुनाव होने हैं। ऐसे में यहां पर विधानसभा का कार्यकाल घटाना होगा।
दूसरा चरण (2014)- दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब में चुनाव कराने का प्रस्ताव है। इसके लिए इन राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाना होगा।
ये है मुश्किल
इस प्रस्ताव को जमीन पर उतारने के लिए संविधान और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन करने होंगे। मौजूदा विधानसभाओं को छोटा किया जा सकता है, लेकिन किसी विधानसभा का कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान संविधान में नहीं है। संसद को इस पर कानून बनाना होगा। वहीं आयोग ने ये भी माना है कि एक साथ चुनाव कराने के लिए राजनीतिक सहमति बहुत जरूरी है। 17 अप्रैल की बैठक में इस पर चर्चा के बाद इसमें कुछ बदलाव भी हो सकते हैं।
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