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क्या मध्यप्रदेश में एक और घोटाला बढ़ाने वाला है शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें?
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी वहां 15 साल से सत्ता में है और इस बार भी उसे फिर से जीत की पूरी उम्मीद है। लेकिन व्यामप और टेंडर घोटाले जैसे आरोपों को झेल रही प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के सामने एक और मुश्किल खड़ी होती दिख रही है। इस बार मामला चुनावों के लिए वोटिंग कंपार्टमेंट की खरीद में गड़बड़ी का है। आरटीआई में हुए खुलासे से पता चला है की मध्यप्रदेश के कुछ जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने लाखों रुपये के वोटिंग कंपार्टमेंट अलग-अलग रेट पर खरीदे हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने वोटिंग कंपार्टमेंट खरीद की पूरी प्रकिया को अवैध बताया है और इस खरीद मंं राज्य के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। दस्तावेजों के मुताबिक मुरैना के कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रोग्रेसिव कंसलटेंट नाम की फर्म को लाखों का भुगतान किया है। फर्म से 1800 वोटिंग कंपार्टमेंट 1936 रुपये प्रति कंपार्टमेंट के हिसाब से खरीदे गए हैं। हालांकि इंदौर जिले के चुनाव अधिकारी ने 3,500 वोटिंग कंपार्टमेंट, 1134 रुपये प्रति कंपार्टमेंट के हिसाब से खरीदे हैं।
रेट में है अंतर
होशंगाबाद जिले के उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने 1078 रुपये के हिसाब से 1175 वोटिंग कंपार्टमेंट लिए। इसी तरह राजगढ़ के राज्य निर्वाचन ने 1495 और छतरपुर जिले के राज्य निर्वाचन अधिकारी ने 1720 वोटिंग कंपार्टमेंट के लिए 1752 रुपये प्रति कंपार्टमेंट के हिसाब से भुगतान किया है। वोटिंग कंपार्टमेंट एक मेक-शिफ्ट संरचना होती है जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है और इससे एक मतदाता द्वारा दिए गए वोट की गोपनीयता को भी बरकरार रखा जता है।
अजय दुबे ने दावा किया है कि राज्य सरकार ने वोटिंग कंपार्टमेंट की खरीद के लिए कोई टेंडर जारी नहीं किया है। सरकार ने मध्यप्रदेश लधु उद्योग निगम लिमिटेड का चयन किया और उसने आगे प्रोग्रेसिव कंसलटेंट को वोटिंग कंपार्टमेंट की आपूर्ति करने के लिए कह दिया। दुबे का कहना है कि वो इस मामले की भारत के चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे। इससे पहले पिछले साल जून-जुलाई 2017 में भी मध्यप्रदेश के राजगढ़ और इंदौर में वोटिंग कंपार्टमेंट की खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगा था।
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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 madhya pradesh assembly election 2013 shivraj singh chouhan election commission
English summary
One more scam in Madhya Pradesh, this time irregularity in voting compartment purchase
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