एक बार फिर से कांग्रेस के लिए नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करना हुआ मुश्किल
नई दिल्ली। लोकसभा में नेत प्रतिपक्ष का पद हासिल करने के लिए कम से कम 55 सीटों की जरूरत होती है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महज 44 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी। कुछ इसी तरह के हालात एक बार फिर से इस बार के लोकसभा चुनाव में खड़े हो गए हैं। रुझानों के अनुसार कांग्रेस सिर्फ 52 सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है। ऐसे में कांग्रेस के लिए एक बार फिर से विपक्ष के नेता का पद हासिल करने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। रुझानों के अनुसार इस बार चुनाव में भाजपा अकेले दम पर 300 का आंकड़ा पार करती दिख रही है, जबकि एनडीए 350 के आंकड़े तक पहुंचती दिख रही है।
बता दें कि रुझान के अनुसार भारतीय जनता पार्टी अकेले दम पर 300 का आंकड़ा पार करती दिख रही है। वहीं एनडीए 348 सीटों पर आगे चल रही है। ऐसे में नतीजों से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से पीएम बनने जा रहे हैं। इस बार के चुनाव में विपक्ष के कई बड़े नेता हार का सामना करते दिख रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा पीछे चल रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मैदान में हैं।
बता दें कि रुझान के अनुसार भारतीय जनता पार्टी अकेले दम पर 300 का आंकड़ा पार करती दिख रही है। वहीं एनडीए 348 सीटों पर आगे चल रही है। ऐसे में नतीजों से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से पीएम बनने जा रहे हैं। इस बार के चुनाव में विपक्ष के कई बड़े नेता हार का सामना करते दिख रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा पीछे चल रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मैदान में हैं।
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