बीजेपी सांसद के बयान पर कुमार विश्वास ने कसा तंज कहा शुक्र है, नेहरू से इंदिरा तक तो....
बीजेपी सांसद के बयान पर कुमार विश्वास ने कसा तंज कहा शुक्र है, नेहरू से इंदिरा तक तो आए, विकास...
नई दिल्ली। आए दिन अपने बयानों के कारण सुर्खियों में आने वाले बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त एक फिर चर्चा में हैं। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने प्रवासी मजदूरों की बदतर स्थिति का ठीकरा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर फोड़ा हैं। तमाम मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर बेबाकी से अपनी प्रतिक्रिया देने वाले प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने सांसद के इस बयान पर तंज कसा हैं।
कवि कुमार विश्वास ने कसा ये तंज
पहले बता दें भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने प्रवासी मजदूरों की बदतर स्थिति का ठीकरा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर फोड़ते हुए कहा कि अगर इंदिरा ने दत्तोपंत ठेंगड़ी का फार्मूला मान लिया होता तो मजदूरों की ऐसी हालत नहीं होती। जिस पर कवि कुमार विश्वास ने तंज कसते हुए ट्वीट किया हैं , "शुक्र है, नेहरू से इंदिरा तक तो आए, विकास जारी है।" उन्होंने कहा, "राहुल गांधी भी शादी कर लें ताकि अगली सत्ताएं अपनी नाकामियों के लिए कम-से-कम उनके बच्चों को तो दोषी ठहरा सकें?" कुमार विश्वास के इस मैसेज पर जमकर लोग कमेंट कर रहे हैं।
विश्वास ने देश में विकास के दावों पर कसा था ये तंज
तमाम मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर बेबाकी से अपनी प्रतिक्रिया देने वाले प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने 8 मई 2020 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में भोर में ट्रेन की पटरियों पर सो रहे प्रवासी मजदूरों की ट्रेन से कुलच कर मौत हादसे पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार के देश में विकास के दावों पर तंज पर कसा हैं।कुमार विश्वास ने औरंगाबाद में हुए ट्रेन हादसे पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ये रेल की पटरियों पर बिखरी रोटियॉं नहीं हैं, ये हमारे तथाकथित सामाजिक-समरसता के दावों और लुटियनवादी-विकास के मुँह पर तमाचा है ! अफ़सोस कि भारत के नियामकों को इसकी गूँज तो छोड़ो आवाज़ तक सुनाई दे रही। कुमार विश्वास ने इन लाइनों से सरकार के विकास के दावों पर चोट करते हुए लिखा कि पटरियों पर बिखरी ये रोटियां नहीं, विकास के मुंह पर तमाचा हैं।इस मैसेज के साथ विश्वास ने आंसू बहाता हुआ इमोजी और भारत का झंडा भी पोस्ट किया था।
औरंगाबाद ट्रेन हादसे पर बोले कुमार विश्वास, रेल की पटरियों पर बिखरी ये रोटियां नहीं.....
सांसद ने प्रवासियों की बद्दतर हालत के लिए इंदिरा गांधी को जिम्मेदार ठहराया
बता दें भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने से बात केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहीं थी। उन्होंने प्रवासी मजदूरों की बदतर स्थिति के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, 'वर्ष 1971 में बैंकों तथा उद्योगों का राष्ट्रीयकरण करते समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा ने हमारे नेता दत्तोपंत ठेंगड़ी के फार्मूले को मान लिया होता और उद्योगों तथा बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने के बजाय उद्योगों का मजदूरीकरण, मजदूरों का राष्ट्रीयकरण तथा राष्ट्र का औद्योगिकीकरण कर दिया होता तो आज देश के सामने प्रवासी कामगारों के पलायन के हालात पैदा ही नहीं होते। मालूम हो कि ठेंगड़ी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक और स्वदेशी जागरण मंच के संस्थापक थे।
बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंन मंदी पर दिया था ये बयान
इससे पहले ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी को लेकर बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का अजीबोगरीब बयान सामने आया था। बलिया से बीजेपी सांसद ने लोकसभा में कहा था कि 'देश और सरकार को बदनाम करने के लिए लोग कह रहे हैं कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी है। उन्होंने दलील दी की अगर गाड़ियों की बिक्री में गिरावट है तो फिर सड़कों पर ट्रैफिक जाम क्यों हैं?'
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