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लॉकडाउन में मां की पुकार सुन बेटा 1700 किमी पैदल चल कर पहुंचा घर, लेकिन पहुंचते ही लगा ली फांसी क्योंकि.....

लॉकडाउन में मां की पुकार सुन बेटा 1700 किमी पैदल चल कर पहुंचा घर, लेकिन घर पहुंचते ही लगा ली फांसी क्योंकि.....

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मुंबई।लॉकडाउन के बीच पिछले रविवार को हर किसी ने अपने अंदाज में मदर्स डे सेलीब्रेट किया और मां से उनके निस्‍वार्थ भाव से किए जाने वाले प्रेम के लिए उनके बच्‍चों ने धन्‍यवाद दिया। इस लॉकडाउन में जिन मांओं के बच्‍चें उनसे दूर थे उनके मन में ये ही टीस थी कि काश मेरा लाल उसकी नजरों की सामने होता। ऐसी ही महाराष्‍ट्र की एक मां ने कोरोना के खतरें से बचाने के लिए अपने बेटे को घर आने को कहा और बेटे ने अपनी मां की पुकार सुन घर वापस जाने की ठान ली और सैकडों किलोमीटर पैदल सफर तय कर घर पहुंच गया । लेकिन घर पहुंचने के चंद घंटे बाद ही उसने फांसी लगा कर अपनी जान दे दी। आइए जानते आखिर ऐसा क्या हुआ जो मां को जान से अधिक प्‍यार करने वाले बेटे ने क्यों ऐसा कदम उठाया।

मां के बुलाने पर 1700 किमी पैदल चल कर पहुंचा था घर

मां के बुलाने पर 1700 किमी पैदल चल कर पहुंचा था घर

यह दर्दनाक घटना महाराष्‍ट्र के रंका थाना क्षेत्र के हाटदोहर गांव में सोमवार को घटी। इस गांव के निवासी नारायण गौड़ का बेटा मुकेश कुमार सोमवार की दोपहर 12 बजे महाराष्ट्र के शोलापुर से 1700 किमी पैदल चल कर पहुंचा था। उसकी मां ने दूसरे शहर में नौकरी कर रहें 19 वर्षीय बेटे को कोरोना का खतरें की बात सुन कर जल्‍दी घर लौट आने को कहा। लॉकडाउन में कोई सवारी न मिलने पर मां की पुकार सुनते हुए बेटा परेशानियां झेलता हुआ अपनी जान की परवाह किए बगैर पैदल ही घर लौट आया। लेकिन मां बाप की एक बात उसे इतनी बुरी लगी कि उसने गुस्‍से में आकर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

मां-बाप की ये बात उसे नहीं हुई बर्दास्‍त

मां-बाप की ये बात उसे नहीं हुई बर्दास्‍त

दरअसल घर आने के बाद मां-बाप ने कोरोना वायरस के चलते गांव वालों की सलाह पर उसे कोरंटाइन सेंटर में रहने को कहा। पिता ने पहले बेटे को समझाया कि लोग कह रहे हैं कि तुम्हें कोरंटाइन सेंटर भेजना होगा। इस पर मुकेश ने कुछ नहीं कहा और इसके बाद उसने मां से पूछा कि क्या खाना बना है? मां ने बताया कि आलू की सब्जी और चावल बना है। इसके बाद उसने अपने साथ लाया बिस्किट खाकर पानी पीया और अपना बैग लेकर निकल गया। घर लौटने पर जब मां ने भी उसे कोरंटाइन सेंटर में रहने को कहा तो बात बेटे ने दिल पर ले ली और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मां ने मदर्स डे के दूसरे ही दिन अपनी जान से प्‍यारे बेटे को खो दिया

घर से कुछ दूर पर पेड़ पर लगा ली फांसी

घर से कुछ दूर पर पेड़ पर लगा ली फांसी

वो घर से निकलने के बाद घर से कुछ ही दूर जाकर एक पेड़ पर अपने गमछे को बांधकर फांसी लगा ली। जब मुकेश बहुत देर तक घर नहीं लौटा तो उसकी मां अपने बेटे को खोजने निकली तो पेड़ पर बेटे को का शव देख चीखने-चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर गांव के लोग पहुंचे। उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। थाना प्रभारी ने शव को पेड़ से उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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English summary
Hearing the call of the mother in the lockdown, the son reached the house on foot by walking 1700 km, but hanged on reaching the house
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