कश्मीर के याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट का जवाब, सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा रखो, सरकार को समय दो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जम्म-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इनमें पत्रकारों के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध को लेकर कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन ने भी एक याचिका दायर की थी। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि सरकार धीरे-धीरे प्रतिबंध हटा रही है और सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा होना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि मैंने आज ही अखबार में पढ़ा है कि आज शाम (शुक्रवार) तक लैंडलाइन और इंटरनेट को बहाल कर दिया जाएगा। हमें कुछ समय दें।
वहीं केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जम्मू से हर दिन कश्मीर टाइम्स प्रकाशित हो रहा है। हम दिन पर दिन प्रतिबंध हटा रहे हैं। अटॉर्नी ने पूछा वे अखबार को श्रीनगर से प्रकाशित क्यों नहीं कर सकते हैं? अन्य पत्रप-पत्रिकाएं प्रकाशित हो रही है। बता दें कि शुक्रवार को सीजेआई के सामने कुल सात याचिका लाई गईं, इनमें चार याचिकाएं ऐसी थी जो दोषपूर्ण थीं इसलिए उनको वापस भेज दिया।
वहीं इन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने रंजन गोगोई ने याचिकाकर्ता एमएल शर्मा को फटकार लगाई और कहा कि इन याचिकाओं को सुनने के लिए अदालत को अयोध्या बेंच को तोड़ना पड़ा। और उन्हें आदेश भी नहीं दिया गया है। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि मैंने आपकी याचिका को आधे घंटे तक पढ़ा लेकिन समझ नहीं पाया कि याचिका किस बारे में हैं।
सीजेआई ने पूछा कि यह याचिका क्या हैं? यह किस तरह की याचिका है। बता दें कि जिन याचिकाओं में दोष पाया गया है अब पहले उनको ठीक किया जाएगा उसके बाद अलगे सप्ताह फिर से सुनवाई हो सकती है। दोषपूर्ण याचिकाओं पर बात करते हुए सॉलिसिटर जनरल ने अदालत से कहा कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई का बुरा असर पड़ेगा।
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