19 जून को राज्यसभा चुनाव में पहली बार दिखेगा ऐसा नजारा जैसा कभी नहीं हुआ
नई दिल्ली- 19 जून को राज्यसभा की उन 18 सीटों पर चुनाव होने जा रहा है, जहां कोरोना-लॉकडाउन की वजह से मार्च में होने वाला चुनाव रोक दिया गया था। लेकिन, अब ऐसे वक्त में चुनाव हो रहा है, जब देश में कोरोना वायरस कहर बनकर टूट रहा है। राज्यसभा चुनाव में भी इस स्थिति का पूरा असर दिखेगा, क्योंकि कई राज्यों में विधायक भी नोवल कोरोना वायरस से पॉजिटिव हैं, जो इस चुनाव में मतदाता हैं। ऐसे में उनके मताधिकार का इस्तेमाल करवाना चुनाव आयोग और संबंधित विधानसभा सचिवालयों के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। इसके लिए जो इंतजाम किए जा रहे हैं, उसकी वजह से ऐसे विधायकों के लिए अलग से बूथ बनाने के साथ-साथ और भी कई तरह की तैयारियां की गई हैं, जिसे करने की अबतक कभी आवश्यकता ही नहीं पड़ी थी।
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कोरोना काल में वोटिंग के लिए होगा खास इंतजाम
19 जून को होने जा रहे राज्यसभा की 18 सीटों पर चुनाव की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। लेकिन, पहलीबार ऐसा चुनाव होने जा रहा है, जिसमें कुछ राज्यों में बिल्कुल अलग ही नजारा दिखेगा। खासकर इसलिए क्योंकि यह चुनाव कोरोना वायरस के संकट के बीच में हो रहा है। इस चुनाव के कुछ वोटर यानि विधायकों के कोविड-19 पॉजिटिव होने की वजह से वो अभी आइसोलेशन में हैं, लेकिन वोट डालने के लिए उनका संबंधित राज्यों की विधानसभा में बनाए गए मतदान केंद्रों पर पहुंचना आवश्यक है। इस स्थिति को देखते हुए उन विधानसभाओं में कोविड-19 पॉजिटिव विधायकों की वोटिंग के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर तैयार किया जा रहा है और ऐसे विधायकों की पोलिंग बूथ, सामान्य विधायकों से पूरी तरह से अलग रखने की तैयारी की गई है, ताकि संक्रमण के खतरे को पूरी तरह से शून्य किया जा सके।
राज्यसभा चुनाव में जो नजारा दिखेगा वैसा कभी नहीं हुआ
जो विधायक कोरोना पॉजिटिव हैं उन्हें इस चुनाव में भाग लेने के लिए पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) पहनकर और एंबुलेंस में ही विधानसभा आना होगा। ये विधायक विधानसभा में अलग से बने मतदान केंद्र पर ही वोट डालेंगे। वहां पर ऑक्सीमीटर के साथ मेडिकल स्टाफ भी तैनात किए जाएंगे। इनके अलावा सभी पोलिंग बूथ को बार-बार पूरी तरह से डिसइंफेक्ट किया जाएगा और वहां मास्क और सैनिटाइजर की भी व्यवस्था रहेगी। ये व्यवस्था उन राज्यों में तो की ही जा रही है, जहां पहले से विधायकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। उन राज्यों ने भी हर स्थिति से निपटने की तैयारी पहले से कर रखी है, जहां अभी तो केस नहीं आए हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गुजरात में अभी तीन विधायक क्वारंटीन हैं
मसलन, गुजरात में तीन विधायकों के क्वारंटीन होने की सूचना है। गुजरात विधानसभा सचिवालय के डिप्टी सेक्रेटरी सीबी पांड्या ने कहा, 'अभी हमारे तीन विधायक क्वारंटीन में हैं, 19 जून तक यह संख्या बदल सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बात चल रही है। हमनें तीनों विधायकों के लिए अलग बूथ का इंतजाम किया है।' इसी तरह मणिपुर में अभी एक विधायक क्वारंटीन हैं। वहां सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दो वेटिंग रूम तैयार किया गया है। चुनाव से पहले और बाद पूरे इलाके को अच्छे से सैनिटाइज करने का इंतजाम रखा गया है। मणिपुर विधानसभा सचिवालय की ओर से 59 विधायकों को पहले ही बता दिया गया है कि वोटिंग के दौरान क्या-क्या सावधानियां बरतनी है।
मध्य प्रदेश में अभी एक विधायक कोरोना पॉजिटिव
इसी तरह मध्य प्रदेश के 200 से ज्यादा विधायकों में अबतक एक की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यहां के प्रशासन ने उस विधायक को पीपीई देने के अलावा मतदान स्थल को ही बदलकर ज्यादा बड़े जगह पर कर दिया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित की जा सके। मतदान केंद्र पर एयर कंडीशनर की जगह एयर कूलर का इस्तेमाल तय किया जाना है। मध्य प्रदेश विधानसभा के डायरेक्टर पीके श्रीवास्तव के मुताबिक सभी विधायकों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। सभी विधायकों को ग्लोव्स दिया जाएगा, जिसे पहनने के बाद ही वो पोलिंग बूथ में जाकर वोट डाल सकेंगे। उनके मुताबिक अगर किसी विधायक को बुखार होगा या उनमें नोवल कोरोना वायरस के लक्षण दिखेंगे तो उन्हें पीपीई पहनकर ही वोट डालने दिया जाएगा। यहां चुनाव आयोग से मंजूरी लेकर मतदान स्थल ही बदल दिया गया है।
झारखंड ने भी की है पूरी तैयारी
हालांकि, झारखंड में अबतक कोई विधायक पॉजिटिव नहीं लेकिन फिर भी वहां उस स्थिति के मुताबिक ही पहले से तैयारी कर ली गई है। वहां भी पॉजिटिव विधायकों और कोरोना के संदिग्ध विधायकों के लिए अलग से बूथ तैयार किया जा रहा है। ऐसी ही तैयारी आंध्र प्रदेश, राजस्थान और मिजोरम विधानसभाओं में भी की गई है। यानि देश के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के लिए अलग से बूथ की व्यवस्था तो की ही जा रही है, उन्हें खास कपड़े भी पहनना जरूरी है, जिससे संक्रमण के जोखिम को दूर किया जा सके।