लॉकडाउन को बढ़ाने को लेकर मोदी सरकार की क्या होगी स्ट्रेटजी,जानें
On Covid-19 lockdown, PM Modi to strike a balance between saving lives and livelihoodलॉकडाउन बढ़ने पर जीवन और आजीविका बचाने में संतुलन बना रहें, इसके लिए सरकार की ये होगी स्ट्रेटजी
नई दिल्ली।देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने में अभी तीन दिन का समय अभी शेष है, लेकिन कई राज्यों और विशेषज्ञों के आग्रह किया है कि केंद्र सरकार इसे आगे बढ़ा दें। हालांकि उड़ीसा, पंजाब सरकार ने लॉकडाउन 15 दिन और बढ़ाने का ऐलान कर दिया हैं।
स्ट्रेटजी क्या हो इसके लिए विशेषज्ञों से ली गई सलाह
जिसमें लॉकडाउन बढ़ने पर जीवन और आजीविका बचाने में संतुलन बना रहें इसके लिए सरकार की क्या स्ट्रेटजी होनी चाहिए उस पर विचार किया गया। प्रत्येक समूह ने जीवन और आजीविका के बीच संतुलन इस लॉकडान के दौरान सशक्त बनाया जाए इस पर अपनी सलाह दी। गुरुवार को पीमएम मोदी ने प्रमुख सचिव पीके मिश्रा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख सलाहकार पी के सिन्हा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, सीईओ एनआईटीआईएयोग अमिताभ कांत और अतिरिक्त सचिव (पीएमओ) एके शर्मा के नेतृत्व में अपने प्रमुख सलाहकारों को सुना।
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समुदाय में कोरोना फैला तो उसे संभालना होगा नामुमकिन
इस बैठक में ये चर्चा हुई कि कोरोना वायरस का संक्रमण जिस तेजी से भारत को अपनी चपेट में ले रहा इस लिए लोगों के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए हमें लॉकडाउन बढ़ाना ही एक मात्र विकल्प हैं क्योंकि भारत में कोरोनवायरस अगर समुदाय में फैल जाएगा तो हमारे पास इसे संभालने के लिए चिकित्सा बुनियादी ढांचा नहीं है। इस िलिए लॉकडाउन बढ़ाना ही एक मात्र विकल्प है।
लाल, पीले और हरे रंग में देश को बांटा जाएगा
इस बैठक में ये भी निर्धारित किया गया कि लॉकडाउन बढ़ाने के साथ हमें शहरों की आर्थिक गतिविधि को पुनर्जीवित हो सके इसके लिए हमें देश को तीन रंगों में बांटना होगा। जिसमें देश को लाल, पीले और हरे क्षेत्रों में सीमांकित किया जाए। जिसमें अत्यधिक प्रमुख कोरोना प्रभावित वाले लाल क्षेत्र के अंतर्गत सील कर दिया जाएगा, और पीले रंग में उन क्षेत्रों को रखा जाएगा जहां कोरोना के सीमित मामले हैं जिनको निगरानी की जाएगी लेकिन अवाजाही की अनुमति होगी और हरे क्षेत्रों को सामान्य रूप से वापस काम करने की अनुमति दी जाएगी।
देश के 400 जिले ऐसे हैं जो वायरस से प्रभावित नहीं हैं
बता दें देश में कुल 400 जिले ऐसे हैं जो वायरस से प्रभावित नहीं हैं। हम उन्हें गतिविधि में खोलने और पीले और हरे क्षेत्रों में लेबल करके अन्य जिलों में एक क्रमिक कॉल लेने के लिए देख सकते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए कि कटाई का मौसम 14 अप्रैल से शुरू होता है और भारत काफी हद तक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है।
लॉकडाउन में ढील देने से संक्रमण और तेजी से फैल सकता है
बता दें राज्यों का मानना है कि लॉकडाउन में ढील देने से संक्रमण और तेजी से फैल सकता है और उस पर काबू पाना बहुत मुश्किल होगा। केंद्र यदि लॉकडाउन बढ़ाता भी है तब भी उन जिलों में कुछ ढील दी जा सकती है जहां इसका असर कम है। तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए केंद्र ने 25 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी।
बंदरगाहो पर जाम पड़े आवश्यक समानों के कंटेनरों को भिजवाया जाए
सशक्त समितियों में से एक के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि सबसे आसान कॉल लॉकडाउन का विस्तार करना है, सबसे मुश्किल यह है कि इसे कैसे उठाया जाए ताकि भारत नकारात्मक विकास में न जाए। विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय जीवन को बचाने के लिए समझौता कर रहे थे, वे भी चाहते थे कि आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित किया जाए क्योंकि मुंबई और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों के बंदरगाहो पर कंटेनरों में सामान आकर लॉकडाउन के कारण जाम पड़ा हुआ हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि हमें बंदरगाहों में गतिविधि को पुनर्जीवित करना होगा इसके लिए सड़क पर गश्त कर रहे कांस्टेबल को यह आवश्यक और गैर-आवश्यक के बीच अंतर करना सीखना होगा ताकि आवश्यक कंटेनर गैर-आवश्यक कंटेनरों के पीछे जाम न हो जाएं। पीएम लॉकडाउन बढ़ाने के पूर्ण प्रभाव का अध्ययन करेंगे। जनता के साथ उनकी विश्वसनीयता को देखते हुए, पीएम मोदी के फैसले का अंतिम निर्णय लेंगे।
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