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APMC मुद्दे पर चिदंबरम ने कहा, पीएम मोदी ने तोड़-मरोड़कर पेश किया कांग्रेसी घोषणा पत्र

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नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पारित कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन बिलों के बाद एक ओर जहां किसान सड़कों पर आए गए हैं, तो दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर से इस्तीफा दिलवा कर अकाली दल NDA से अलग से हो गई, लेकिन बीजेपी द्वारा एपीएमसी एक्ट खत्म करने वाले कांग्रेसी घोषणा पत्र का हवाला देने के बाद कांग्रेस के बैकफुट मेंआने के बाद अब पी चिदंबरम ने मोर्चा संभाल लिया है।

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कई ट्वीट में चिदंबरम ने PM मोदी और बीजेपी प्रवक्ताओं पर हमला किया

कई ट्वीट में चिदंबरम ने PM मोदी और बीजेपी प्रवक्ताओं पर हमला किया

चिदंबरम ने एक सिलसिलेवार ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी प्रवक्ताओं पर हमला करते हुए लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस घोषणा पत्र में एपीएमसी एक्ट खत्म करने पर सफाई देते हुए कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस घोषणा पत्र को कृषि क्षेत्र बिल में तोड़-मरोड़कर पेश किया है। चिदंबरम ने मोदी सरकार के कृषि संबंधी बिल को लेकर कई सारे सवाल खड़े करते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे कानून से MSP के सिद्धांत और सार्वजनिक खरीद प्रणाली बर्बाद हो जाएगा।

एपीएमसी प्रणाली वास्तव में किसान के लिए एक सुरक्षा जाल है: चिदंबरम

एपीएमसी प्रणाली वास्तव में किसान के लिए एक सुरक्षा जाल है: चिदंबरम

बकौल चिदंबरम, एपीएमसी प्रणाली वास्तव में किसान के लिए एक सुरक्षा जाल है, लेकिन यह एक प्रतिबंधित बाजार है, जो लाखों किसानों के लिए सुलभ नहीं है, हमें सरकारी खऱीद के जरिए सेफ्टी नेट सिद्धांत को संरक्षित करते हुए कृषि उपज के लिए बाजार में विस्तार करने की जरूरत है, लेकिन मोदी सरकार द्वारा जो कानून पारित की कोशिश की जा रही है, वो MSP के सिद्धांत और सार्वजनिक खरीद प्रणाली को नष्ट कर देगा।

2019 घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कृषि कानूनों में बदलाव का सुझाव दिया था

2019 घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कृषि कानूनों में बदलाव का सुझाव दिया था

गौरतलब है कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में कृषि कानूनों में जो बदलाव का सुझाव दिया था, वो कृषि बाजार उत्पादन समितियों (एपीएमसी) अधिनियम को समाप्त करता था और मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित कृषि क्षेत्र विधेयक को भाजपा ने कांग्रेस के विचारों के समान करार देकर खुद का बचाव किया है।

जानबूझकर और दुर्भावनापूर्वक कांग्रसी घोषणा पत्र को विकृत किया गया

जानबूझकर और दुर्भावनापूर्वक कांग्रसी घोषणा पत्र को विकृत किया गया

हालांकि इसके जवाब में चिदंबरम का कहना है कि कांग्रेस एपीएसी अधिनियम को समाप्त करने से पहले अपनी बेचने के इच्छुक किसानों के लिए कई सुलभ बाजार सुनिश्चित करेगी। चिदंबरम ने अपने बयान में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा प्रवक्ताओं पर जानबूझकर और दुर्भावनापूर्वक कांग्रसी घोषणा पत्र को विकृत कर दिया है। उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि हम छोटे और बड़े गांवों में हजारों किसान बाजार बनाएंगे, जिसके बाद एपीएमसी कानूनों को बदला जा सकता है।

PM मोदी ने कृषि क्षेत्र विधेयक को लेकर देश के किसानों का आश्वस्त किया

PM मोदी ने कृषि क्षेत्र विधेयक को लेकर देश के किसानों का आश्वस्त किया

वहीं, शुक्रवार को खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र विधेयक को लेकर देश के किसानों का आश्वस्त किया कि लोकसभा में पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयक उनके लिए रक्षा कवच का काम करेंगे और नए प्रावधान लागू होने के कारण वो अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे। प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह इन विधेयकों का विरोध कर किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है और बिचौलियों के साथ किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रही है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वो इस भ्रम में न पड़े और सतर्क रहें।

किसानों को लेकर दोनों पार्टी का स्टैंड एक ही हैः निष्कासित नेता संजय झा

किसानों को लेकर दोनों पार्टी का स्टैंड एक ही हैः निष्कासित नेता संजय झा

इससे पहले कांग्रेस से निष्कासित नेता संजय झा ने कांग्रेस के मेनिफेस्टों का हवाला देते हुए कहा था कि किसानों को लेकर दोनों पार्टी का स्टैंड एक ही है। संजय झा ट्वीट किया, मित्रों, हमारे कांग्रेस के 2019 के घोषणापत्र में हमने खुद ही एपीएमसी एक्ट को खत्म करने और किसानों को दलालों के चंगुल से आजाद कराने का वादा किया था, आज मोदी सरकार ने किसान बिल के जरिए वही किया है, जिसके बाद कांग्रेस बैकफुट पर आ गई और चिदंबरम को बचाव के लिए सामने आना पड़ा।

कृषि क्षेत्र बिल पर सवाल उठने के बाद अब किसानों में यह डर बैठ गया है

कृषि क्षेत्र बिल पर सवाल उठने के बाद अब किसानों में यह डर बैठ गया है

उल्लेखनीय है कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों द्वारा कृषि क्षेत्र विधेयक पर सवाल उठने के बाद अब किसानों में यह डर बैठ गया है कि वो अब एमएसपी पर नहीं बेच पाएंगे। यही कारण है कि पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, क्योंकि राज्यसभा में रविवार को इस बिल को पेश किया जाना है और बीजेपी ने सभी राज्यसभा सांसदों को रविवार को राज्यसभा में उपस्थिति रहने का निर्देश दिया है।

Comments
English summary
After three bills related to the agricultural sector passed in the Lok Sabha by the Modi government, on one hand, where farmers have come on the streets, on the other hand, the resignation of Union Minister Harsimrat Kaur led the Akali Dal to separate from the NDA, but the BJP ended the APMC Act After coming to the backfoot of the Congress after citing the Congress manifesto of the Congress, Chidambaram has now taken charge.
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