दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद ने तिहाड़ प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप, कोर्ट ने मांगा जवाब
नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा का आरोपी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का पूर्व छात्र उमर खालिद ने गुरुवार को तिहाड़ जेल अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाया है। उसने दिल्ली के एक अदालत को बताया कि उसे कई दिनों तक एकांत कारावास में रखा गया, उसे किसी से बात तक नहीं करने दिया जाता। उमर खालिद ने कोर्ट से पूछा है कि उसे ऐसी सजा क्यों दी जा रही है। खालिद ने कोर्ट से कहा, मुझे सुरक्षा की आवश्यकता है, लेकिन सुरक्षा का मतलब यह नहीं कि मुझे बंधक बना दिया जाए, मैं अपने सेल से बाहर ना जा पाऊं। यह एक सजा की तरह है, मुझे यह सजा क्यों दी गई है?
दरअसल, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल फरवरी में हुई हिंसक घटनाओं के अरोपी उमर खालिद की आज (गुरुवार) न्यायिक हिरासत का अंतिम दिन था। इस सिलसिले में उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत के सामने पेश किया गया। इस दौरान उमर ने कोर्ट से कहा कि उसका दोष साबित हुए बगैर उसके साथ तिहाड़ जेल में दोषियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है। वह ना तो अपनी सेल से बाहर जा सकता है और ना ही किसी से बात कर सकता है।
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बतौर उमर खालिद, उसके साथ हो रहे इस तरह के बर्ताव से वह अवसाद और अन्य बीमारियों का शिकार बन रहा है। आरोपी की शिकायत पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जेल प्रशासन को शुक्रवार को जवाब देने को कहा है। बता दें कि उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर में पुलिस ने दावा किया है कि सांप्रदायिक हिंसा एक "पूर्व-निर्धारित साजिश" थी, जिसे कथित रूप से खालिद और दो अन्य लोगों द्वारा रचा गया था। उसपर देशद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और दंगा करने को लेकर भी मामला दर्ज किया गया है।