अमरनाथ यात्रा के लिए कड़े सुरक्षा इंतजामों से क्यों नाराज हैं महबूबा और उमर
Recommended Video
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जम्मू-श्रीनगर हाइवे को बंद करने की मांग की है। राज्यपाल की इस मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जाहिर की है। राज्यपाल ने कहा था कि अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाइवे पर असैन्य गाड़ियों के मूवमेंट को नियंत्रित करने की जरूरत है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया अब्दुल्ला ने राज्यपाल के इस फैसले को 'असमर्थता और आलस' का उदाहरण बताया है। अब्दुल्ला के अलावा राज्य की एक और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी राज्यपाल की मांग पर नाराजगी जताई है।
यह भी पढ़ें-बुरहान वानी की तीसरी बरसी, कश्मीर में इंटरनेट बंद
आम नागरिकों को हो रही हैं परेशानियां
मुफ्ती ने कहा है कि अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा का मसला अब आम नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। स्थानीय लोगों को इससे खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 45 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा की शुरुआत पिछले हफ्ते हुई है। अब तक 67,000 तीर्थयात्रियों से ज्यादा गुफा तक पहुंच चुके हैं। यात्रा पर इस बार बढ़े हुए आतंकी खतरे को देखते हुए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। सीआरपीएफ को सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है तो सेना और बीएसएसफ के जवानों को भी दो रास्तों पर तैनात किया गया है।
पहली बार इतने कड़े इंतजाम
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'अमरनाथ यात्रा पिछले कई वर्षों से जारी है। दुर्भाग्य की बात है कि इस बार सुरक्षा के जो इंतजाम किए गए हैं वे कश्मीर की जनता के खिलाफ हैं। इन इंतजामों की वजह से स्थानीय लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।' महबूबा ने उन इंतजामों के बारे में कुछ नहीं कहा जिनकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने हालांकि राज्यपाल मलिक से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग जरूर की।
|
अब्दुल्ला बोले हाइवें क्यों होंगे बंद
दूसरी तरफ अब्दुल्ला ने कहा कि 30 वर्षों में यह पहली बार है कि राज्यपाल के प्रशासन को हाइवे बंद करने की जरूरत लगी है। अब्दुल्ला ने इस मामले पर ट्वीट किया और लिखा, 'ऐसा नहीं है कि हम यात्रियों की सुरक्षा के बारे में चिंतित नहीं हैं। लेकिन सिर्फ राज्यपाल मलिक के प्रशासन को 30 साल में हाइवे या रेलवे लाइन को बंद करने की जरूरत लगी है ताकि यात्रियों की सुरक्षा हो सके। यह सिर्फ असमर्थता और आलस कर पराकाष्ठा है।' अब्दुल्ला मलिक के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर के लोगों को इस तरह की पाबंदियों को झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि यह उनकी सुरक्षा से जुड़ा मसला है।
सुबह 10 बजे से दोपहर तक लागू पाबंदी
अब्दुल्ला की पार्टी के दूसरे नेता हसनैन मसूदी और अकबर लोन ने भी इस तरह की पाबंदियों की आलोचना की है। इनका कहना है कि इस तरह के बैन से आम जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जम्मू कश्मीर श्रीनगर हाइवे पर काजीगुंड-नाशरी तक की दूरी पर अथॉरिटीज ने असैन्य गाड़ियों के ट्रैफिक को रोक दिया था। पांच घंटे याती सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक यह पाबंदी जारी रहेगी। इस दौरान अमरनाथ यात्रियों को ले जा रही गाड़ियों को ही गुजरने की मंजूरी दी जाएगी।