जम्मू कश्मीर: मोदी सरकार के परिसीमन के विचार का उमर अब्दुल्ला ने जताया विरोध, बोले- टीवी चैनल इस पर भ्रम पैदा कर रहे हैं
श्रीनगर: मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में परिसीमन पर विचार कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय जम्मू और कश्मीर की विधानसभा क्षेत्रों के लिए परिसीमन आयोग के गठन प विचार कर रहा है। ये आयोग विधानसभा क्षेत्रों का अध्ययन करके अपनी सिफारिश देगा। इस खबर के सामने आने के बाद इसका विरोध जम्मू-कश्मीर की स्थानीय पार्टियां कर रही हैं। नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मजबूती से इसका विरोध करेगा।
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'टीवी चैनल इस पर भ्रम पैदा कर रहे हैं'
उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि परिसीमन पर पूरे देश में साल 2026 तक रोक लगाई गई है। इसके विपरीत कुछ गलत जानकारी वाले टीवी चैनल इस पर भ्रम पैदा कर रहे हैं, यह केवल जम्मू कश्मीर के संबंध में रोक नहीं है। उन्होंने आगे लिखा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाकर जम्मू कश्मीर को अन्य राज्यों की बराबरी पर लाने की बात करने वाली बीजेपी अब इस संबंध में जम्मू कश्मीर के साथ अन्य राज्यों से अलग व्यवहार करना चाहती है।
सत्यपाल मलिक ने शाह को सौंपी रिपोर्ट
गौरतलब है कि तीन दिन पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक मलिक ने शाह से मुलाकात के दौरान उन्हें जम्मू-कश्मीर पर तीन पन्नों की एक रिपोर्ट भी सौंपी थी। इस रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर में नए परिसीमन की बात कही गई है। इस रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर में नए सिरे से परिसीमन के लिए आयोग बना सकता है। जम्मू कश्मीर के परिसीमन की मांग भाजपा ने पहली बार 2008 में अमरनाथ भूमि विवाद के समय उठाई थी।
सरकार क्यों करवा रही है परिसीमन
मौजूदा समय में जम्मू कश्मीर की 87 विधानसभा सीटों में कश्मीर से सबसे ज्यादा 46 विधानसभा सीटें आती हैं। वहीं जम्मू से 37 और लद्दाख क्षेत्र से 4 सीटें आती हैं। मोदी सरकार का मानना है कि जम्मू-कश्मीर का मौजूदा परिसीमन ठीक नहीं है और जम्मू क्षेत्र के साथ न्याय नहीं हो रहा। ऐसे में सरकार का मानना है कि नए परिसीमन से क्षेत्रीय भेदभाव को खत्म किया जा सकता है। आयोग की रिपोर्ट के बाद जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के आकार पर विचार हो सकता है और साथ में कुछ सीटें SC(अनुसूचित जाति) कैटगरी के लिए रिज़र्व की जा सकती हैं।