कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर ट्रंप के बयान पर उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा
नई दिल्ली। कश्मीर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के एक बयान को लेकर सियासत गरमाई हुई है। बताया जा रहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर के मसले पर मध्यस्थता का ऑफर दिया था। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दावे को तुरंत ही भारत ने खारिज कर दिया। भले ही सरकार ने अपना पक्ष साफ कर दिया हो बावजूद इसके पूरे मामले पर सियासी पारा जरूर चढ़ गया है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्रंप के दिए गए बयान पर हैरानी जताई है, साथ ही ट्वीट करके उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल भी पूछा है।
ट्रंप के बयान पर अब्दुल्ला ने पूछा सरकार से सवाल
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा, "क्या भारत सरकार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झूठा कहने जा रही है या फिर कश्मीर को लेकर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर भारत ने अपनी स्थिति में अघोषित बदलाव किया है?"
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'डोनाल्ड ट्रंप बेहद चौंकाने वाली बात कर रहे हैं'
यही नहीं अगले ट्वीट में उमर अब्दुल्ला ने कहा, "व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप बेहद चौंकाने वाली बात कर रहे हैं जब वो कहते हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए अमेरिका की भागीदारी के लिए कहा है। हालांकि, मैं यह देखना चाहता हूं कि ट्रंप के इस दावे पर विदेश मंत्रालय की ओर से क्या कहा जाएगा।"
विदेश मंत्री जयशंकर ने पूरे मामले पर रखी बात
फिलहाल उमर अब्दुल्ला के इस ट्वीट के बाद विदेश मंत्रालय का पूरे मामले पर बयान आ गया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को राज्यसभा में आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से किसी भी तरह का कोई अनुरोध नहीं किया गया था। मैं सदन को इस बात का भरोसा दिलाना चाहता हूं कि इस तरह का कोई भी अनुरोध पीएम मोदी की तरफ से नहीं किया गया है।"
'पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे सिर्फ द्विपक्षीय ही सुलझाए जा सकते हैं'
विदेश मंत्री ने आगे कहा, 'भारत अपनी स्थिति पर कायम है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों को सिर्फ द्विपक्षीय ही सुलझाया जा सकता है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का संपर्क तभी होगा जब वह सीमा पार से जारी आतंकवाद को खत्म करेगा।' विदेश मंत्री ने अपने बयान में शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र में यह बात साफतौर पर कही गई है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को सिर्फ द्विपक्षीय तौर पर ही सुलझाया जा सकता है।