रविशंकर प्रसाद के बयान पर उमर अब्दुल्ला का पलटवार, अनुच्छेद 370 पर कही ये बात
नई दिल्ली: अगस्त 2019 में संसद में खास बिल लाकर मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद हटा दिया था। इसके साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग भागों में बांटकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। अनुच्छेद 370 हटने की वजह से घाटी में हिंसक प्रदर्शन ना हों, इस वजह से महबूबा मुफ्ती, उमर और फारुक अब्दुल्ला समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। सालभर बाद अब सभी आजाद हो गए हैं और फिर से जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की मांग करने लगे हैं। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविशंकर प्रसाद के बयान पर पलटवार किया है।
दरअसल रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि पिछले साल केंद्र सरकार ने संसद में बिल लाकर अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर से हटाया था। ये प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के तहत हुई है, जिस वजह से उसे दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा कि रविशंकर प्रसाद जी, हम आपसे कुछ भी बहाल करने की उम्मीद नहीं रखते हैं, लेकिन इस देश में सुप्रीम कोर्ट स्वतंत्र है, तो इसलिए आप इस बात का अंदाजा ना लगाएं कि कोर्ट और माननीय न्यायधीश इस मामले में क्या निर्णय लेंगे।
कश्मीरी
नेताओं
ने
बनाया
गुपकार
ग्रुप
दरअसल
जम्मू-कश्मीर
में
अनुच्छेद
370
की
बहाली
के
लिए
सभी
दल
एक
हो
गए
हैं।
साथ
ही
गुपकार
घोषणा
(
पीपुल्स
अलायंस
फॉर
डिक्लेरेशन)
नाम
से
ग्रुप
बनाया
है।
इस
ग्रुप
के
अध्यक्ष
फारूक
अब्दुल्ला
हैं,
जबकि
महबूबा
मुफ्ती
इसकी
उपाध्यक्ष
हैं।
शनिवार
को
इस
ग्रुप
ने
कश्मीर
में
बैठक
भी
की
थी।
जिसके
बाद
फारूक
अब्दुल्ला
ने
कहा
कि
यह
एंटी
नेशनल
जमात
नहीं
है।
हमारा
लक्ष्य
है
कि
जम्मू-कश्मीर
और
लेह
लद्दाख
के
लोगों
के
अधिकार
सुनिश्चित
हों।
धर्म
के
आधार
पर
हमें
बांटने
का
प्रयास
सफल
नहीं
होगा।
यह
धार्मिक
लड़ाई
नहीं
है।
गुपकार
ग्रुप
का
दावा
है
कि
वो
एक
महीने
के
अंदर
अनुच्छेद
370
से
जुड़े
कागजात
को
इकट्ठा
करेंगे
और
झूठ
का
पर्दाफाश
करेंगे।
यही
जम्मू-कश्मीर
के
लोगों
के
लिए
श्रद्धांजलि
होगी।