हैदराबाद की महिला को ओमान में बैठे पति ने फोन पर दिया तलाक, सुषमा से मांगी मदद
हैदराबाद। तीन तलाक को देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट असंवैधानिक करार दे चुकी है। केंद्र सरकार इस सत्र में तीन तलाक के मुद्दे पर संसद में बिल पेश कर चुकी है जिसके मुताबिक तीन तलाक को आपराधिक श्रेणी में रखने की तैयारी की जा रही है। लेकिन इसका फर्क तीन तलाक देने वालों पर बिल्कुल नहीं पड़ा है। तीन तलाक के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। ताजा मामला हैदराबाद का है। यहां की एक महिला ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद मांगी है और बताया है कि उसके ओमानी पति जरहान अल रजही ने फोन पर तलाक दे दिया। उसने विदेश मंत्री से अपील की है कि उसके पति से मुआवजा दिलवाया जाए।
जानकारी के मुताबिक 31 साल की महिला ने विदेश मंत्रालय को खत लिखकर मदद मांगी है। उसने बताया कि साल 2008 में हैदराबाद में उसकी ओमान निवासी जाहरान से शादी हुई थी। महिला ने बताया कि 7 लड़कियों के आगे जाहरान ने शादी के लिए उन्हें चुना था। शादी के बाद जारहान साल में एक बार हैदराबाद आता था और वह हर महीने पैसे भी भेजता था। मगर इस साल अगस्त में जारहान ने उसे फोन पर तीन बार तलाक बोलकर बगैर किसी नोटिस के इस्लामिक तरीके से तलाक दे दिया। महिला अपनी मां के साथ हैदराबाद में रहती है। अब उसने मस्कट स्थित भारतीय दूतावास से भी मदद मांगी है।
तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट लगा चुकी है रोक
आपको बता दें कि ये मामला इसलिए भी हैरान कर देने वाला है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तीन तलाक पर रोक लगा दी गई है और सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन तलाक को लेकर एक कानून तैयार करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालने करते हुए केंद्र सरकार ने तीन तलाक को लेकर एक बिला भी तैयार कर लिया है, जिसे लोकसभा में पेश किया जा चुका है। हालांकि अभी ये बिल बहस का मुद्दा बना हुआ है। इस बिल में बिना कानूनी प्रक्रिया के तीन तलाक देने वाले को अधिकतम उम्रकैद की सजा और न्यूनतम 3 साल की सजा का प्रावधान है।