500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को सरकार ऐसे लगाएगी ठिकाने, दक्षिण अफ्रीका में इनसे होगा चुनाव प्रचार
नई दिल्ली। नोटबंदी को एक साल पूरे हो चुके हैं। पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किए गए थे। अब भारत सरकार ने बंद हुए इन नोटों को ठिकाने लगाने की व्यवस्था कर ली है, जो सरकार के लिए एक चुनौती थी। इन नोटों का भारत में कोई इस्तेमाल नहीं हो सकता है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने इसका निपटारा करने के लिए एक खास रास्ता निकाल लिया है। जिन नोटों को भारत में बैन कर दिया गया था, उन नोटों से अब चुनाव प्रचार होगा। चौंकिए मत, इन नोटों का इस्तेमाल भारत में नहीं होगा। इन नोटों से दक्षिण अफ्रीका में चुनाव प्रचार किया जाएगा। इन नोटों का निपटारा करने के लिए आरबीआई ने केरल से भारत में कारोबार करने वाली डब्लूपीआई के साथ मिलकर इस समस्या का हल निकाला है।
जलाने की थी योजना
पहले तो भारतीय रिजर्व बैंक की योजना थी कि इन पुराने नोटों को आग के हवाले कर दिया जाए, लेकिन अगर ऐसा किया जाता तो इससे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचता। इसी बीच वेस्टर्न प्लाईवुड्स (WPI) के साथ आरबीआई ने एक ऐसी डील की है, जिससे नोटों के निपटारे का समाधान निकाला जा चुका है।
क्या होगा इन नोटों का?
वेस्टर्न प्लाईवुड्स कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि इन नोटों के नूमनों पर टेस्ट किया गया। नोटों की उच्च तापमान पर लुग्दी बनाई जाएगी और फिर उनसे हार्ड बोर्ड बनेंगे। इन बोर्ड का इस्तेमाल दक्षिण अफ्रीका में कार्ड बोर्ड और प्लेकार्ड्स बनाने में किया जाएगा, जिनका इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए किया जाएगा।
कंपनी के पास पहुंचे नोट
नोटबंदी के बाद से अब तक कंपनी के पास 750 टन पुराने नोट पहुंच चुके हैं। कंपनी की तरफ से आरबीआई को प्रति टन 128 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। कंपनी इन नोटों से कार्ड बोर्ड बना रही है।
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