Delhi Violence पर इस्लामिक संगठन के बयान को विदेश मंत्रालय ने बताया भ्रामक
नई दिल्ली। दिल्ली में हिंसा पर OIC (आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन) के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह राजनीतिकरण की कोशिश है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में सभी को ऐसे बयान से बचना चाहिए। ओआईसी का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत, चयनात्मक और भ्रामक है। सामान्य स्थिति बहाल करने और आत्मविश्वास पैदा करने के लिए जमीन पर प्रयास किया जा रहा है। हम इन संस्थाओं से गैर जिम्मेदार बयानों से बचने का आग्रह करते हैं।
कुमार ने कहा कि खुद पीएम ने सार्वजनिक रूप से शांति और भाईचारे की अपील की है। मैं कुछ बयानों का भी उल्लेख करना चाहूंगा जो एजेंसियों/व्यक्तियों द्वारा सामने आए हैं। हम आग्रह करेंगे कि इस तरह की गैरजिम्मेदार टिप्पणी करने का यह सही समय नहीं है, इससे जितनी समस्याएं सुलझेंगी, उससे अधिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आपको बता दें कि ओआईसी ने कहा था कि वह भारत में मुसलमानों के खिलाफ हालिया और भयावह हिंसा की निंदा करता है। ओआईसी ने अपने बयान में यह भी कहा था कि हिंसा के परिणामस्वरूप निर्दोष लोगों की मौत हो रही है। मस्जिदों और मुस्लिम-स्वामित्व वाली संपत्तियों की आगजनी और तोड़फोड़ हुई है। ओआईसी पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गंभीर संवेदना व्यक्त करता है।
Raveesh Kumar, MEA on Organization of Islamic Cooperation' statement on #DelhiViolence: OIC statement is factually inaccurate, selective&misleading. There is an effort on ground to restore normalcy&create confidence. We urge these bodies not to issue irresponsible statements. pic.twitter.com/HhkoUHMEv2
— ANI (@ANI) February 27, 2020
इस सवाल पर कि क्या रोहिंग्या मुद्दे पर म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट और पीएम मोदी द्वारा भारत की पूर्व यात्रा के दौरान चर्चा की गई थी रवीश कुमार ने कहा यदि आप हस्ताक्षर किए गए एमओयू की संख्या को देखते हैं, तो कम से कम 4-5 समझौता ज्ञापन हैं जो कि राखीन प्रांत के सामाजिक-आर्थिक विकास से संबंधित हैं। इसलिए इस बात पर काफी चर्चा हुई कि भारत, म्यांमार के उस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में किस तरह सहयोग कर सकता है।
Raveesh Kumar, MEA, on if Rohingya issue was discussed by Myanmar President U Win Myint & PM Modi during the former's visit to India: If you look at the number of MoUs signed, there are at least 4-5 MoUs which are actually related to socio-economic development of Rakhine state. pic.twitter.com/LcmRIOre6u
— ANI (@ANI) February 27, 2020
रवीश कुमार ने चीन में फंसे भारतीयों को लेकर कहा कि हमने वुहान, चीन और जापान से 195 भारतीयों और 41 विदेशी नागरिकों को निकाला है और उन्हें आज सुबह दो विशेष उड़ानों से भारत लाया है। अब तक, कुल 842 भारतीयों और 48 विदेशी नागरिकों को चीन और जापान से निकाला गया है।
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Raveesh Kumar, MEA: So there was a lot of discussion on how India could support the socio-economic development of that region of Myanmar. https://t.co/mmKYH7lp8u
— ANI (@ANI) February 27, 2020
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