लाभ का पद: AAP विधायकों ने चुनाव आयोग के खिलाफ दी गई अर्जी वापस ली
दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को एक बड़ा झटका देते हुए निर्वाचन आयोग ने बीते 19 जनवरी को को संसदीय सचिव के रूप में लाभ के पद धारण करने के लिए आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की सिफारिश की थी
नई दिल्ली। लाभ का पद रखने के मामले में अयोग्य ठहराए गए आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों ने चुनाव आयोग के खिलाफ दी गई अपनी अर्जी वापस ले ली है। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने लाभ का पद रखने के लिए अपने खिलाफ की गई शिकायत पर सुनवाई जारी रखने के चुनाव आयोग के फैसले को पिछले साल अगस्त में चुनौती दी थी। विधायकों ने कहा था कि जब उच्च न्यायालय संसदीय सचिवों के तौर पर उनकी नियुक्तियां रद्द कर चुका है तो चुनाव आयोग के मामले में सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि प्रशांत पटेल नाम के वकील ने आप के 21 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग में लाभ के पद से जुड़ी याचिका दायर की थी।
विधायकों ने वापस ली याचिका
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के समक्ष कहा कि वे पूर्व में दायर अपनी याचका वापस लेने जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने उच्च न्यायालय की एक वृहद पीठ के सामने अपनी अयोग्यता को चुनौती दी है दूसरे पक्ष से किसी तरह का विरोध ना होने पर अदालत ने चुनाव आयोग के 23 जून, 2017 के फैसले को चुनौती देने वाली विधायकों की याचिका 'वापस ली हुई मानकर खारिज' कर दी थी।
चुनाव आयोग ने की थी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश
दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को एक बड़ा झटका देते हुए निर्वाचन आयोग ने बीते 19 जनवरी को को संसदीय सचिव के रूप में लाभ के पद धारण करने के लिए आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की सिफारिश की थी। कांग्रेस द्वारा जून 2016 में की गई एक शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति को अपनी राय दी थी। कांग्रेस के आवेदन में कहा गया था कि जरनैल सिंह (राजौरी गार्डन) सहित आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को दिल्ली सरकार के मंत्रियों का संसदीय सचिव नियुक्त किया गया है। जरनैल सिंह ने पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
ये विधायक अयोग्य करार दिए गए थे
निर्वाचन
आयोग
द्वारा
आप
विधायकों
को
अयोग्य
ठहराने
की
राष्ट्रपति
रामनाथ
कोविंद
से
की
गई
अनुशंसा
के
बाद
कानून
व
न्याय
मंत्रालय
ने
एक
अधिसूचना
जारी
कर
दी
थी
कि
राष्ट्रपति
ने
आप
के
20
विधायकों
को
अयोग्य
करार
देने
को
मंजूरी
दे
दी
थी।
अयोग्य
करार
दिए
गए
विधायकों
में
अलका
लांबा,
आदर्श
शास्त्री,
संजीव
झा,
राजेश
गुप्ता,
कैलाश
गहलोत,
विजेंद्र
गर्ग,
प्रवीन
कुमार,
शरद
कुमार,
मदन
लाल
खुफिया,
शिव
चरण
गोयल,
सरिता
सिंह,
नरेश
यादव,
राजेश
ऋषि,
अनिल
कुमार,
सोम
दत्त,
अवतार
सिंह,
सुखवीर
सिंह
डाला,
मनोज
कुमार,
और
नीतिन
त्यागी
हैं।
व्हाट्सएप ग्रुप में पुलिस का चैट हुआ वायरल, जिग्नेश मेवाणी को सता रहा एनकाउंटर का डर