जो पूरा देश ना कर सका वो ओडिशा ने कर दिखाया, संसद पहुंचीं 33% महिलाएं
नई दिल्ली। 2019 का लोकसभा चुनाव देश के इतिहास में कई कारणों के चलते याद किया जाएगा। जहां एक ओर मोदी की प्रंचड जीत के साथ वापसी के लिए तो वहीं विपक्ष की करारी शिकस्त के लिए भी। इसके इतर इस चुनाव में एक और नया कीर्तिमान भी बना। किसी राज्य से पहली बार 33 फीसदी महिलाएं सांसद चुनकर लोकसभा पहुंची हैं। ऐसा करानामा पूर्वी तटीय राज्य ओडिशा ने किया है। बता दें कि, काफी समय से संसद में महिलाओं की 33 फीसदी हिस्सेदारी को लेकर मांग उठती रही है। इसे लेकर कई बार संसद में विधेयक भी लाया गया, लेकिन वह अभी तक पास नहीं हो सका है।
ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों से 7 महिलाएं सांसद चुनी गईं
इस लोकसभा चुनाव में ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों से 7 महिलाएं सांसद चुनी गईं हैं। इनमें से 5 सांसद राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी की और 2 महिला सांसद भाजपा की टिकट से लोकसभा पहुंचीं हैं। भुवनेश्वर लोकसभा सीट से अपराजिता सारंगी और बोलंगिर से संगीता सिंहदेव सांसद चुनी गई हैं। अगर बात बीजेडी के विजयी उम्मीदवारों की करें तो अस्का से प्रमिला बिसोई, क्योंझर से चंद्रानी मुर्मू, जगतसिंहपुर से राजश्री मल्लिक, जाजपुर से सरमिन्था सेठ और भद्रक से मंजुलता मंडल सांसद चुनी गईं हैं।
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ओडिशा जैसे राज्य से 33 प्रतिशत महिलाओं का संसद पहुंचना अहम है
देश के निचले सदन में ओडिशा जैसे राज्य से 33 प्रतिशत महिला सांसदों का पहुंचना काफी महत्वपूर्ण बात है। महिला आरक्षण विधेयक को पहली बार एचडी देवगौड़ा सरकार ने 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में 12 सितंबर 1996 को संसद में पेश किया था लेकिन वह आजतक पास नहीं हो सका है। अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो लोकसभा ही नहीं बल्कि विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण होगा। लेकिन इस पर आम राय नहीं बन पाने की वजह से विधेयक अभी भी अधर में लटका पड़ा है।
नवीन पटनायक ने चुनाव में 7 महिलाओं को दिए थे टिकट
बीजद के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की कुल 7 महिलाओं (पार्टी के कुल उम्मीदवारों का 33 प्रतिशत) को मैदान में उतारा था। इनमें से पांच निर्वाचित होकर संसद पहुंची हैं। इस चुनाव में बीजेडी ने 12 लोकसभा सीटें हासिल की हैं, जबकि भाजपा ने आठ और कांग्रेस ने एक सीट हासिल की। वहीं 146 विधानसभा सीटों में से बीजद ने 112, जबकि भाजपा ने 23 और कांग्रेस ने नौ सीटें हासिल कीं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक सीट जीती।
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