ओडिशा ने कोरोना की रफ्तार पर लगाया ब्रेक, जानें क्या है 'नवीन मॉडल'
भुवनेश्वर। देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले में लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। वहीं ओडिशा सरकार कोरोना संक्रमण के फैलाव पर कुछ हद तक ब्रेक लगाने में सफल रही है। लगातार तीसरे दिन प्रदेश में एक भी नए संक्रमित मरीज नहीं मिले है। कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों की संख्या मात्र 60 तक ही सीमित है और इस जानलेवा बीमारी से मरने वालों की संख्या केवल एक है, जो अधिकांश अन्य बड़े राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर है। यही नहीं ओडिशा में 'कोरोना पॉजिटिविटी रेट' भी देशभर में सबसे कम है। इसके पीछे की सबसे बड़ी नवीन मॉडल माना जा रहा है। ओडिशा सरकार ने 4 ऐसे कदम उठाए जो कोरोना को रोकने में सफल रहे।
नवीन पटनायक सरकार ने कोरोना वायरस पर शुरुआत से ही अपनी पकड़ मजबूत रखी। इसके तहत पटनायक सरकार ने देश में सबसे पहले अपने राज्य में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। ओडिशा सरकार ने 22 मार्च से ही पूरे प्रदेश में लॉकडाउन घोषित कर दिया था जबकि उसके 2 दिन बाद मोदी सरकार ने देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया था। जिस दिन ओडिशा में लॉकडाउन का ऐलान हुआ था उस समय तक राज्य में सिर्फ एक कोरोना मरीज था।
2- सहयोग करने पर इनाम की घोषणा
22 मार्च को सबसे पहले लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही सरकार ने कोरोना संक्रमित मरीजों को सामने आकर सरकार से सहयोग करने पर ईनाम की राशि रख दी। यह राशि राज्य ने15,000 रुपये रखी। वैसे लोग जो हाल के दिनों में विदेशों से लौटे और सेल्फ क्वारंटीन में 14 दिन रहे उनको यह राशि देने की राज्य सरकार ने घोषणा की थी। जिसका जबरदस्त फायदा सरकार को मिला। सरकार ने होम क्वारंटीन में रह रहे लोगों का रेगुलर अपडेट लिया। एक कॉल सेंटर बनाया और क्वारंटीन में रह रहे लोगों या उनके परिजन से कुछ जरूरी सवाल करके उनका अपडेट जाना।
3-सेल्फ
रजिस्ट्रेशन
पोर्टल
ओडिशा
सरकार
ने
12
मार्च
को
एक
सेल्फ
रजिस्ट्रेशन
पोर्टल
बनाया।
जहां
4
मार्च
के
बाद
बाहर
से
आने
वाले
लोगों
को
रजिस्टर
करना
था।
तब
तक
हमारे
राज्य
में
कोरोना
का
एक
भी
मामला
नहीं
आया
था।
उन्होंने
बताया
कि
हमने
साफ
किया
कि
अगर
आप
पोर्टल
पर
रजिस्टर
करते
हैं।
इस
दौरान
सरकार
क्वारंटाइन
लोगों
की
लगातार
अपडेट
ले
रही
है।
4- सबसे पहले बनाए कोविड स्पेशल हॉस्पिटल
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार देश का सबसे बड़ा COVID-19 अस्पताल बनाया। जिससे कोरोना संक्रमित मरीजों को अलग रखकर उनका इलाज किया जा सके। ओडिशा सरकार ने दो मेडिकल कॉलेज के साथ इस दिशा में पहल करते हुए MoU साइन किया। KIMS (कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) अस्पताल में 450 बेड वाला एक वार्ड बनाया गया। वहीं SOA (शिक्षा ओ अनुसंधान) विश्वविद्यालय में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए चार दिनों में 500 बेड्स की सुविधा वाला एक स्पेशल वार्ड तैयार किया गया। जिसमें 20 आईसीयू की व्यवस्था भी है।
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