कोविड -19: ओडिशा सरकार ने सावन में होने वाली कांवड़ यात्रा पर लगाया प्रतिबंध
भुवनेश्वर। इस साल कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ओडिशा में 'बोल बम उत्सव' नहीं मनाया जाएगा। इसके साथ ही ओडिशा सरकार ने कांवडिया यात्रा को भी स्थगित कर दिया है। विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि, इस दौरान किसी भी कांवड़िए या श्रद्धालु को न तो किसी धार्मिक स्थल पर जाने की अनुमति होगी, न सार्वजनिक जगहों पर चलने की अनुमति होगी और न ही किसी मंदिर में जल चढ़ाने की अनुमति होगी।
ओडिशा सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, सरकार ने नदियों से 'बोल बम' के भक्तों और कांवडियों को पानी इकट्ठा करने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। इसके साथ ही उड़िया के पवित्र सावन महीने में कांवडिए पूरे ओडिशा में किसी शिव मंदिर पर जलाभिषेक नहीं कर सकते हैं। प्रदीप जेना ने कहा कि, इस दौरान किसी भी कांवड़िए या श्रद्धालु को न तो किसी धार्मिक स्थल पर जाने की अनुमति होगी, न सार्वजनिक जगहों पर चलने की अनुमति होगी।
इससे पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारों ने कोरोना के संक्रमण को देखते हुए कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया था। हरिद्वार प्रशासन ने तय किया है कि प्रतिबंध के बावजूद अगर कोई बाहरी व्यक्ति हरिद्वार आता है, तो उसे 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहना होगा और इसका खर्च उन्हें खुद ही उठाना पड़ेगा। सावन के महीने में पवित्र गंगा जल लेने के लिए बड़ी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार आते हैं, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कांवड़ यात्रा आगामी छह जुलाई से शुरू हो रहे सावन के महीने से शुरू होने वाली थी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए 21 जून को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा ने संयुक्त रूप से निर्णय लेते हुए 6 जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक कांवड़ यात्रा स्थगित करने का फैसला किया था। सावन के महीने में शिव भक्तों की कांवड़ यात्रा एक प्रमुख धार्मिक यात्रा होती है। बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं। हरिद्वार के अलावा वाराणसी और अन्य जगहों पर भी शिवभक्त गंगाजल लेकर शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए जाते हैं।
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