भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से जुड़े 5,000 लोगों का कोरोना टेस्ट करवाएगी ओडिशा सरकार
नई दिल्ली। ओडिशा सरकार ने बुधवार को कहा कि हमने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से जुड़े 5,000 लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत रथ यात्रा में शामिल सेवक, पुलिस कर्मी और नगर पालिका कर्मचारियों का भी कोरोना टेस्ट किया जाएगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने कहा कि सेवादारों के परिवारों के लिए एक विशेष स्वास्थ्य देखभाल केंद्र (हेल्थ केयर सेंटर) भी बनाया जाएगा। मुख्य सचिव ए के त्रिपाठी ने बताया कि रथ यात्रा के बाद सोमवार रात को 2000 से ज्यादा सैम्पल लिए गए जिसमें से एक सेवक की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीमित लोगों की संख्या में मंगलवार को भगवान जगन्नाथ और उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा की रथ यात्रा निकाली गई थी और उन्हें जगन्नाथ मंदिर से तीन किमी दूर गुंडिचा मंदिर ले जाया गया था। इस दौरान क्षेत्र में पूरी तरह लॉकडाउन लगा दिया जिसमें आज यानी बुधवार की दोपहर ढील दी हई है। ओडिशा पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह तीर्थ नगर पुरी न जाएं क्योंकि भगवान के दर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई है।
गुजरात
में
टूटी
142
साल
पुरानी
परंपरा
कोरोना
लॉकडाउन
के
चलते
गुजरात
में
इस
बार
भगवान
जगन्नाथ
की
रथयात्रा
आषाढ़ी
बीज
के
दिन
नहीं
निकल
सकी।
हाईकोर्ट
द्वारा
नगर
भ्रमण
के
लिए
परमिशन
नहीं
दी
गई,
इसलिए
मंदिर
के
अंदर
ही
प्रतीकात्मक
रथयात्रा
निकाली
गई।
जिसके
उपरांत
भगवान
के
विग्रहों
को
रथ
से
उतारकर
मंदिर
में
पुन:
स्थापित
कर
दिया
गया।
इस
बीच
भगवान
जगन्नाथ
मंदिर
के
महंत
व
प्रमुख
पुजारी
दिलीप
दास
ने
रथयात्रा
न
निकलने
पर
आमजन
से
माफी
मांगते
हुए
सरकारी
अमले
पर
गुस्सा
जताया।
दास
बोले
कि,
'मेरे
द्वारा
गलत
व्यक्ति
पर
भरोसा
करने
से
142
साल
पुरानी
परंपरा
टूट
गई।
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