Odisha:ई-गवर्नेंस मॉडल में सबसे टॉप, अधिक पारदर्शिता के साथ नागरिक सेवा हो रही आसान
भुवनेश्वर, 27 जून: ई-गवर्नेंस मॉडल की खासियत होती है कि इससे ज्यादा पारदर्शिता आती है और नागरिकों से जुड़ी सेवाएं और भी सुलभ हो जाती हैं। 2021 के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सर्विस सर्वेक्षण का परिणाम आ गया है और ओडिशा ने इसमें टॉप पर रहकर सबको चौंका दिया है। राज्य को इस सर्वे में कुल 98 अंक मिले हैं, जो सबसे ज्यादा है। उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है, लेकिन उसे सिर्फ 86 अंक ही मिले हैं। सर्वे से यही पता चलता है कि इस क्षेत्र में तेज गति से हुई प्रगति ने राज्य को महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात जैसे बड़े राज्यों से भी आगे कर दिया है।
ई-गवर्नेंस
मॉडल
में
सबसे
टॉप
पर
ओडिशा
ओडिशा
सरकार
के
इलेक्ट्रोनिक्स
एंड
इंफॉर्मेशन
टेक्नोलॉजी
विभाग
के
सचिव
मनोज
कुमार
मिश्रा
ने
इस
उपलब्धि
के
बारे
में
कहा
है,
'सर्वेक्षण
में
चार
मूल
पैरामीटर
थे,
पहला
है
सुलभता,
दूसरा
है
कंटेंट
की
उपलब्धता,
तीसरा
है
उपयोग
में
आसानी
और
चौथा
है
सुरक्षा।
ओडिशा
ने
98
अंकों
के
साथ
तालिका
में
टॉप
पर
रहते
हुए
सभी
पैरामीटटर
में
बहुत
ही
अच्छा
प्रदर्शन
किया
है।
हमारा
ई-गवर्नेंस
मॉड्यूल
100%
यूजर
फ्रेंडली
है,
जबकि
बाकी
राज्यों
का
50%
यूजर
फ्रेंडली
है।'
ओडिशा
में
कैसे
सफल
हो
रहा
है
ई-गवर्नेंस
मॉडल
?
मनोज
मिश्रा
के
मुताबिक,
'हमारे
सीएम
के
दूरदर्शी
नेतृत्व
में
हमने
2019
में
5टी
मॉडल
योजना
के
तहत
ई-गवर्नेंस
की
दिशा
में
बड़े
फैसले
लिए,
जो
अब
फलदायक
साबित
हो
रहे
हैं।
ओडिशा
ने
आम
लोगों
के
लिए
कई
ई-गवर्नेंस
उपायों
की
शुरुआत
की
थी,
जो
जनता
को
सभी
सरकारी
सेवाओं
को
बिना
किसी
झंझट
के
प्राप्त
करने
में
सक्षम
बना
रहे
हैं।
उन्हें
अब
आय
प्रमाण
पत्र,
जाति
प्रमाण
पत्र
और
आवास
प्रमाण
पत्र
या
स्कॉलरशिप
या
पेंशन
के
लिए
ऑफिस
नहीं
आना
पड़ता
है।
माउस
पर
एक
क्लिक
से
सभी
सेवाएं
प्राप्त
की
जा
सकती
हैं।
5टी
पहल
के
तहत
सभी
विभाग
अब
व्यापक
रूप
से
टेक्नोलॉजी
का
इस्तेमाल
कर
रहे
हैं।
जनता
से
मिले
फीडबैक
को
अब
सभी
विभागों
में
सरकारी
कर्मचारियों
के
प्रमोशन
के
लिए
उपयोग
किया
जाता
है।
प्रत्येक
सरकारी
सेवा
के
लिए
एक
समय
सीमा
निर्धारित
होती
है,
जिसके
भीतर
किसी
व्यक्ति
को
सेवा
देनी
होती
है,
नहीं
तो
अनुशासनात्मक
कार्रवाई
की
जाती
है।
इसके
अलावा
सरकार
के
पास
राज्य
का
सबसे
बड़ा
डेटाबेस
है,
जहां
प्रदेश
सचिवालय
के
साथ-साथ
स्टेट
वाइड
एरिया
नेटवर्क
या
SWAN
की
मदद
से
कल्याणकारी
योजनाओं
के
सभी
डेटा
स्टोर
किए
जाते
हैं।
विभिन्न
साइबर
अटैक
या
फिशिंग
अटैक
से
बचाने
के
लिए
साइबर
सिक्योरिटी
सेंटर
के
माध्यम
से
सभी
गतिविधियों
की
निगरानी
की
जाती
है।'
पिछले 27 मई को ही ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सरकारी डेटाबेस को हैकर और बाकी साइबर खतरों से सुरक्षित रखने के लिए स्टेट साइबर सिक्योरिटी ऑपरेटिंग सेंटर (CSOC) लॉन्च किया है।