केंद्र को ओडिशा सरकार ने लिखा पत्र, एकाम्र क्षेत्र मंदिरों के लिए बनाए नियमों को वापस लेनी की अपील की
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्रा ने आज केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव राघवेंद्र सिंह को पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) द्वारा राजधानी शहर के एकाम्र क्षेत्र में अनंत बसुदेव और ब्रह्मेश्वर मंदिरों के लिए जारी किए गए उपनियमों को वापस लेने का आग्रह किया है। एनएमए ने पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर और भुवनेश्वर स्थित एकाम्र क्षेत्र के अनंत वासुदेव एवं ब्रह्मेश्वर मंदिरों के लिए मसौदा विरासत उपनियम की अधिसूचना जनवरी में जारी की थी।
मसौदा विरासत उपनियम की अधिसूचना के कारण मंदिरों के सेवकों, श्रद्धालुओं एवं लोगों के बीच असंतोष पैदा हो गया है, क्योंकि इन्हें पक्षकारों से विचार-विमर्श किए बिना प्रकाशित किया गया। मुख्य सचिव ने कहा, एनएमए ने इसके मद्देनजर पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर संबंधी उपनियमों को वापस ले लिया है। हालांकि, एकाम्र क्षेत्र में मंदिरों से संबंधित मसौदा अधिसूचना अभी भी लागू है, जिससे सेवायत समुदाय के लोग और भक्त परेशान हैं।
मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने आशंका जताई कि यदि तत्काल कोई कदम नहीं उठाया गया, तो व्यापक स्तर पर प्रदर्शन हो सकते हैं। महापात्रा ने आगे लिखा कि, मंदिर ट्रस्ट बोर्ड और एंडोमेंट कमिश्नर ने भी एनएमए सदस्य सचिव को एकाम्र क्षेत्र से संबंधित मसौदा अधिसूचना को तत्काल वापस लेने के लिए लिखा है। महामात्र ने कहा कि मसौदा अधिसूचना वापस नहीं लिए जाने के कारण प्रदर्शन हो रहे हैं। इससे मंदिरों में दिन-प्रतिदिन होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों में खलल पड़ेगा।
उन्होंने कहा, मंदिरों में इस प्रकार के माहौल से लाखों श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को एकाम्र क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होंगे। इस साल महा शिवरत्रि महोत्सव के आयोजन के लिए शांतिपूर्ण वातावरण और सेवियों का पूर्ण सहयोग होना महत्वपूर्ण है, जिसमें राज्य भर से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। उसी के मद्देनजर, राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती मंदिरों से संबंधित मसौदा धरोहर उपनियमों को तत्काल वापस लेने की जोरदार सिफारिश की है।
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