योगी सरकार से बर्खास्त ओपी राजभर अब सपा-बसपा के दर पर
नई दिल्ली- इस लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने जिन जातिवादी और व्यक्तिवादी पार्टियों को धूल चटाई है, उनमें से एक यूपी में योगी सरकार के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) की पार्टी भी शामिल है। अब ये जानकारी सामने आ रही है कि राजभर (Rajbhar) आने वाले विधानसभा उपचुनावों में सपा या बसपा (SP-BSP) के साथ तालमेल की कोशिशों में जुट गए हैं।
सपा-बसपा के साथ संभावनाओं की तलाश
खबरों के मुताबिक हाल ही में यूपी (Uttar Pradesh) के बलिया में राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP)की एक बैठक हुई है, जिसमें उपचुनाव के लिए एसपी-बीएसपी (SP-BSP)के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा हुई है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने कहा है कि, "पार्टी एसपी और बीएसपी के बड़े नेताओं के संपर्क में है। उम्मीद है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) गठबंधन करके ही उपचुनाव में मैदान में उतरेगी।" फिलहाल पार्टी अपना अगला लक्ष्य 11 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव और थ्री-टियर पंचायत चुनाव को मान कर चल रही है।
राजभर पर है सियासी वजूद का संकट
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) के पास सत्ता और सत्ता की सारी सुख- सुविधाएं मौजूद थीं। उन्हें यूपी के योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री का ओहदा प्राप्त था। लेकिन, ये बीजेपी नेतृत्व पर अपनी पार्टी के लिए दो सीटें छोड़ने का दबाव बना रहे थे। भाजपा ने उन्हें घोसी से बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का ऑफर भी दिया था। लेकिन, राजभर को यह ऑफर पसंद नहीं आया और उन्होंने गठबंधन तोड़ने का फैसला कर लिया था। लेकिन, लोकसभा के नतीजों ने उनके सारे सियासी सपनो पर पानी फेर दिया।
पिछले चुनावों में क्या हुआ?
लोकसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए थे। लेकिन, कहीं पर भी यह पार्टी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई। यहां तक कि इसके मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार में मंत्री रहते हुए भी वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भी अपने उम्मीदवार उतारे। लेकिन, यहां पर उसके प्रत्याशी सुरेंद्र राजभर को सिर्फ 8,892 वोट ही मिले। इसी तरह मछलीशहर में 11,223,गाजीपुर में 33,877, घोसी में 39,842, गोंडा में 3,856 और गोरखपुर में महज 4,317 ही वोट उनकी पार्टी को मिले। 2017 के विधानसभा चुनाव में ये पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन के तहत 8 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और तब उसे 4 सीटें मिल गई थीं।
सबसे दिलचस्प बात ये है कि राजभर अभी सपा-बसपा से तालमेल के फिराक में हैं, लेकिन उन दोनों का गठबंधन टूटने के बारे में कहा है किऐसे गठबंधन सिर्फ चुनाव के लिए ही बनाए जाते हैं और चुनाव के बाद उनका टूटना निश्चित रहता है।
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