केरलः रेप के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली नन धर्मसभा से निष्कासित
तिरुवनंतपुरम: रेप के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग करने वाली एक नन को एक कैथोलिक चर्च के 'द फ्रांसिस्कन क्लारिस्ट धर्मसभा' (एफसीसी) से एक साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। नन कलाप्पुरा अन्य ननों के साथ बिशप की गिरफ्तारी को लेकर भूख हड़ताल पर बैठी थी। 5 अगस्त को धर्मसभा की प्रमुख एन जोसफ की ओर से नन लूसी कलाप्पुरा को पत्र जारी किया गया। इसमें उन्हें चर्च से निष्कासित करने की सूचना दी गई है। लेकिन इसके लिए कोई वजह नहीं बताई गई है।

हालांकि पत्र में रेखाकिंत किया गया है कि उन्हें उचित समय पर चेतावनी दी गई थी। लेकिन वो 'फ्रांसिस्कन क्लारिस्ट धर्मसभा' के नियमों का उल्लंघन करने वाली जीवनशैली अपनाने के मामले में संतोषजनक जवाब देने में असफल रही हैं, इसलिए एफसीसी की जनरल काउंसिल ने सर्वसम्मति से नन को खारिज करने के लिए मतदान किया। वेटिका में अपोस्टोलिक व्यू द्वारा उनकी बर्खास्तगी की पुष्टि की गई है।
गौरतलब है कि कलाप्पुरा को जनवरी में एफसीसी ने नोटिस जारी कहा था कि उन्हे एफसीसी ने ड्राइविंग लाइसेंस लेने, कार खरीदने, ऋण लेने, किताब प्रकाशित करने और वरिष्ठों की जानकारी के बिना धन व्यय करने को नियमों का उल्लंघन करार दिया था। प्रांतीय वरिष्ठ ने सिस्टर लूसी को कविता संग्रह का प्रकाशन करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। एफसीसी ने कलाप्पुरा से बिना चर्च की अनुमति के बिशप फ्रैंको मुल्लाकल के खिलाफ विरोध से लेकर गैर-ईसाई अखबारों में आर्टिकल पब्लिश करने से लेकर समाचार चैनलों में हिस्सा लेने पर सवाल उठाया था। गौरतलब है कि फ्रैंको मुल्लाकल इस समय जमानत पर बाहर हैं। फ्रैंको मुलक्कल पर आरोप है कि साल 2014 से लेकर 2016 के बीच एक नन से कई बार रेप किया।
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