NSG की राह में रोड़ा बन रहे चीन को ऐसे निपटाएगा भारत
नई दिल्ली। भारत पिछले कई सालों से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में प्रवेश के लिए कोशिश कर रहा है, लेकिन हर बार चीन की वजह से उसकी ये कोशिश नाकाम हो जाती है। चीन किसी भी कीमत पर भारत को एनएसजी मेंबरशिप हासिल नहीं करने देना चाहता है।
चीन के अड़ंगे की वजह से अब भारत ने एनएसजी देशों की सूची में शामिल होने के लिए दूसरा रास्ता खोज निकाला है। भारत ने परमाणु निर्यात नियंत्रक दो संगठनों वासेनार अरेंजमेंट और ऑस्ट्रेलिया ग्रुप में शामिल होने के लिए अपनी कोशिशों को तेज करना शुरू कर दिया है। भारत को उम्मीद है कि इन दोनों समूहों में शामिल होने से उसे एनएसजी मेंबरशिप हासिल करने में आसानी होगी, क्योंकि इन समूहों में से किसी भी समूह में चीन शामिल नहीं है।
इसके लिए भारत की कोशिशें तेज हो चुकी है। भारत ने वासेनार अरेंजमेंट की सदस्यता के लिए आवेदन की प्रकिया शुरू कर दी है। अगर भारत इन दोनों संगठनों में शामिल हो जाता है तो परमाणु अप्रसार को लेकर भारत की विश्वसनीयता बढ़ेगी और इससे उसके एनएसजी के लिए दावेदारी भी मजबूत होगी। अपनी इन्हीं प्रयासों के तहत भारत सरकार ने हाल ही में वासेनार अरेंजमेंट के लिए अनिवार्य स्पेशल केमिकल्स, ऑर्गैनिज़म, मटीरियल, इक्विपमेंट और टेक्नॉलजीज आइटम्स को मंजूरी दी है।
आपको बता दें कि 28 देश ऐसे हैं जिनके पास परमाणु निर्यात नियंत्रक के चारों संगठन यानी कि एनएसजी, ऑस्ट्रेलिया ग्रुप, वासेनार अरेंजमेंट और एमटीसीआर की सदस्यता है। भारत को पिछले साल एमटीसीआर में इंट्री मिली थी, जिसके बाद वो एनएसजी में प्रवेश के लिए कोशिशें कर रहा है, लेकिन चीन की वजह से उसे इसमें सफलता नहीं मिली। ऐसे में अब भारत ऑस्ट्रेलिया और वासेनार अरेंजमेंट समूह में शामिल होकर एनएसजी के लिए अपनी दावेदारी को प्रबल बनाना चाहता है।