भविष्य के इस खतरे को लेकर NSA अजीत डोभाल ने दी चेतावनी, बोले- भारत को नई रणनीति बनाने की जरूरत
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर। भारत सहित पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप को झेल रही है। इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भविष्य के मानव निर्मित खतरों को लेकर देश-दुनिया को सचेत किया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में खतरनाक जैविक हथियार दुनिया के लिए गंभीर परिणाम साबित हो सकता है। किसी जानलेवा वायरस को हथियार बना कर इस्तेमाल करना गंभीर बात है। एनएसए अजीत डोभाल ने अपने बयान में कोरोना वायरस का उदाहरण देते हुए जैविक हथियारों का मुद्दा उठाया।
भविष्य के जैविक हथियारों के खिलाफ सुरक्षा रणनीति को लेकर अजीत डोभाल ने कहा, अब देश को नई रणनीति बनाने की जरूरत है, व्यापक क्षमताओं के साथ जैव-रक्षा, जैव-सुरक्षा और जैव-सुरक्षा के निर्माण को महत्व देना जरूरी हो गया है। बता दें कि अमेरिका शुरू से ही कोविड-19 वायरस को लेकर चीन पर आरोप लगाता रहा है कि यह प्रकृतिक वायरस नहीं बल्कि चीन की लैब में तैयार किया गया वायरस है। अजीत डोभाल ने भी भविष्य में इस तरह के वायरस को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किए जाने की संभावना जताई है।
COVID-19 pandemic and devastating natural disasters have the potential to impact collective psyche of people, their economic well-being & instill fears about their survival: NSA Ajit Doval at Pune Dialogue on National Security 2021, via video conference (1/2) pic.twitter.com/v0PEOm7BN8
— ANI (@ANI) October 28, 2021
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उन्होंने कहा,
कोविड-19 महामारी और विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में यह क्षमता होती है कि वह लोगों के समूह, उनकी आर्थिक स्थिति और उनके अस्तित्व को प्रभावित कर सके। यह सामाजिक असंतुलन पैदा करता है जो राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक विकास और यहां तक कि एक राष्ट्र की बाहरी और आंतरिक खतरों का दृढ़ता से सामना करने की क्षमता के लिए भी खतरनाक हो सकता है। खतरनाक वायरस का जानबूझकर हथियार बनाना गंभीर चिंता का विषय है। इसलिए व्यापक राष्ट्रीय क्षमताओं और जैव-रक्षा, जैव-सुरक्षा और जैव-सुरक्षा के निर्माण की आवश्यकता अब बढ़ गई है।
चीन का नाम लिए बिना अजीत डोभाल ने कहा कि बायोलॉजिकल रिसर्च करना बेहद जरूरी है, लेकिन इसकी आड़ में इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।