NSA अजित डोभाल के बेटे ने जयराम रमेश और कैरवां के संपादक-पत्रकार पर किया मानहानि का केस
नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के बेटे पर कांग्रेस ने 'कैरवां' मैगजीन में छपे एक लेख के आधार पर मनी लांड्रिंग (Money laundering) का आरोप लगाया था, जिसके बाद अजित डोभाल के बेटे विवेक ने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। विवेक डोभाल कांग्रेस नेता जयराम रमेश, कैरवां मैगजीन के ए़डिटर-इन-चीफ और पत्रकार कौशल श्रॉफ के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत लेकर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे हैं।इस मामले पर कोर्ट में कल यानी मंगलवार को सुनवाई होगी।
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अजित डोभाल के बेटे ने कांग्रेस नेता पर मानहानि का दावा किया
दरअसल, कैरवां मैगजीन में छपे एक लेख में कहा गया था कि 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के 13 दिन बाद यानी 21 नवंबर 2016 को विवेक डोभाल ने टैक्स हेवन केमैन आईलैंड में जीएनवाई एशिया फंड नाम की हेज फंड कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया था। मैगजीन के इसी लेख का हवाला देते हुए कांग्रेस ने इस मामले पर एनएसए अजित डोभाल से सफाई देने की मांग की थी। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि क्या बीजेपी ब्लैकमनी को संस्थागत करने की कोशिश कर रही थी।
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जयराम रमेश ने कैरवां मैगजीन के लेख को आधार बना लगाए थे गंभीर आरोप
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि इस पर सवाल उठाए जाने चाहिए कि 2000 से 2017 तक RBI के आंकड़ों के अनुसार, भारत को केमैन से 8,300 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) कैसे प्राप्त हुआ। जबकि अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच मात्र केवल एक साल में 8,300 करोड़ रुपया भारत आया। जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि अजित डोभाल के दूसरे बेटे शौर्य डोभाल केमैन आइलैंड स्थित एक अन्य कंपनी जेउस स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट एडवाइसर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख हैं और जेएनवाई एशिया और इस कंपनी के बीच भी कनेक्शन है।
कैरवां के एडिटर-इन-चीफ और पत्रकार के खिलाफ भी शिकायत
रमेश ने कहा कि भाजपा ने 2011 में एक समिति गठित की थी। इस समिति ने बीजेपी की तरफ से एक रिपोर्ट दी थी, जिसका शीर्षक था - इंडियन ब्लैक मनी अब्रोड, इसमें चार सदस्य थे। NSA अजित डोभाल की इस रिपोर्ट को तैयार करने में भूमिका थी। जयराम रमेश ने कहा कि नोटबंदी के बाद देश में आए इस एफडीआई में विवेक डोभाल की कंपनी की क्या भूमिका है इसकी जांच होनी चाहिए।