श्रीनगर में NSA डोवाल पहुंचे सुरक्षा बलों के बीच, सिचुएशन रूम में दिए जवानों को खास निर्देश
श्रीनगर। पिछले हफ्ते भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का ऐलान किया और तब से ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल, जम्मू कश्मीर में ही हैं। सोमवार को डोवाल ईद के मौके पर श्रीनगर पहुंचे। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के एयरक्राफ्ट से श्रीनगर पहुंचे एनएसए ने सुरक्षाबलों के जवानों से मुलाकात की। अधिकारियों ने बताया कि डोवाल पांच अगस्त से ही घाटी में हैं और लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपडेट भेज रहे हैं। श्रीनगर में डोवाल ने सुरक्षाबलों से उनके सिचुएशन रूम में मुलाकात की।
जवानों की खुलकर तारीफ
सोमवार को बकरीद थी और घाटी में शांतिपूर्वक ईद का जश्न मनाया गया। डोवाल ने इस मौके पर सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों के साथ ईद का लंच किया। एनएसए डोवाल, जवानों के सिचुएशन रूम में पहुंच गए थे। यहां पर उन्होंने जवानों के साथ बातचीत भी की। एक सीनियर पुलिस ऑफिसर की ओर से बताया गया, 'डोवाल इस समय राज्य की इंटेलीजेंस ब्यूरो यूनिट से ऑपरेट कर रहे हैं। उन्होंने सिचुएशन रूम में जवानों के साथ बातचीत में सुरक्षाबलों के बीच आपसी संगठन को सुनिश्चित किया।' पुलिस ऑफिसर ने बताया डोवाल ने ज्यादा देर तक काम करने के लिए जवानों की तारीफ की। जिस तरह से जवान लगातार राज्य में कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए लगे हैं, उसके लिए भी उन्हें एनएसए से सराहना मिली है।
15 अगस्त तक रहेंगे घाटी में
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला था कि डोवाल को घाटी भेजा जाए। उन्होंने एक रणनीति के तहत एनएसए को घाटी भेजने का फैसला किया था। डोवाल देश के ऐसे इंटेलीजेंस ऑफिसर हैं जिनके पास हर जानकारी सबसे पहले आती है। हालातों को देखते हुए डोवाल सुरक्षा से जुड़ा फैसला लेते है। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि डोवाल 15 अगस्त तक घाटी में रहेंगे। इंटेलीजेंस से जुड़े सूत्रों की ओर से जानकारी दी गई है कि पाकिस्तान लगातार बातचीत को इंटरसेप्ट कर रहा है और वह स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़े आतंकी हमले की साजिश को अंजाम देने की कोशिशों में लगा हुआ है।
शोपियां और अनंतनाग में मिले लोगों से
डोवाल ने पिछले कुछ दिनों में घाटी के उन इलाकों का दौरा किया है। वह दक्षिण कश्मीर के शोपियां और अनंतनाग जैसे इलाके में गए हैं, जो आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। डोवाल ने लोगों से बातचीत की और हालातों के बारे में उनकी राय जानने की कोशिश की। डोवाल ने सिक्योरिटी ऑफिसर्स को निर्देश दिए हैं कि वे उन घरों की पहचान करें जो घाटी में चरमपंथ के लिए युवाओं की भर्ती करते हैं और उन्हें उकसाते हैं। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के सबसे ज्यादा कमांडर्स दक्षिण कश्मीर से आते हैं।
|
सुरक्षाबलों को संयम बरतने के आदेश
डोवाल ने इस बात को भी समझा है कि घाटी में पनपा आतंकवाद अब आने वाले दिनों में सुरक्षाबलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने सुरक्षाबलों को आदेश दिया है कि वे ज्यादा से ज्यादा संयम बरतें। सोमवार को ईद के मौके पर श्रीनगर में तो सड़कें सूनी रहीं लेकिन बारामूला और बांदीपोर में ज्यादा से ज्यादा लोग अपने घरों से बाहर निकले। बारामूला में करीब 10,000 और बांदीपोरा में करीब 5,000 लोगों ने प्रार्थना में हिस्सा लिया।