भारत में आधुनिक कानून की शिक्षा के पितामह एनआर माधव मेनन का निधन
नई दिल्ली। देश की कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले प्रोफेसर एनआर माधव मेनन का मंगलवार को निधन हो गया। तिरुवनंतपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में माधव का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। माधव मेनन ने बेंगलुरू में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया की स्थापना की थी, इसके अलावा उन्होंने कोलकाता में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्युडिशियल साइंसेज और भोपाल में नेशनल ज्युडिशियल अकादमी की स्थापना की थी। वह इन तीनों संस्थाओं के पहले मुखिया था, उन्होंने अपने जीवनकाल में 12 किताबों को लिखा है। माधव मेनन का भारत में आधुनिक कानून की शिक्षा का पितामह माना जाता है।
बेंगलुरू में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया की स्थापना माधव ने 1986 में की थी। यह देश का पहला नेशनल लॉ स्कूल है। माधव ने 12 वर्षों तक उन्होंने इस संस्थान की कमान संभाली थी। कोलकाता के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्युडिशियल साइंसेज की स्थापना माधव ने 1998 में की थी और भोपाल के नेशनल ज्युडिशियल अकादमी की स्थापना 2003 में की गई थी।
माधव का जन्म 1935 में तिरुवनंतपुरम में हुआ था, उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, तिरुवनंतपुरम और एरनाकुलम से अपनी पढ़ाई की थी। इससे पहले उन्होंने जन्तुविज्ञान विषय से अपनी स्नातक की पढ़ाई एसडी कॉलेज अलपुज्जा से 1953 में पूरी की थी। स्नातक की पढ़ाई के बाद उन्होंने केरल हाई कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. वह केंद्रीय सचिवालय में भी कार्यरत थे।
अपने शुरुआती जीवन में मेनन ने केरल हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की, इसके बाद वह दिल्ली में बस गए और यहां पर उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया । इसके बाद 1965 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाने लगे, जहां वह लॉ सेंटर के प्रमुख बने। कुछ वर्ष के बाद मेनन ने एलएलएम और पीएचडी की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से 1965 में पूरी की। 1986 में मेनन बेंगलुरू गए और यहां उन्होंने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी की स्थापना की रूपरेखा तैयार की और पांच वर्ष के एलएलबी कार्यक्रम का कार्यक्रम तैयार किया।
इसे भी पढ़ें- अब्दुल्ला आजम को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक