CAA-NRC बवाल के बीच इस राज्य में मई से लागू हो जाएगा NPR, मोबाइल ऐप से लिया जाएगा लोगों का डेटा
नई दिल्ली। देश में नागरिकता सांशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय रजिस्टर नागरिक (एनआरसी) को लेकर विरोध प्रदर्शन अभी थमा नहीं है। इसी बीच उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। त्रिपुरा में सरकार इस वर्ष से एनपीआर के लिए लोगों का डेटा इकट्ठा करना शुरू कर देगी। यह एक मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाएगा। जनगणना संचालन निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि अगले साल 2021 से जनगणना शुरू हो रही है।
जनगणना के लिए लागू होगा एनपीआर
जनगणना संचालन के निदेशक पीके चक्रवर्ती ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सरकार एनपीआर के साथ-साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शनों कर रहे लोगों पर भी नजर बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों की जनगणना के लिए एनपीआर के तहत लोगों का डेटा इकट्ठा किया जाएगा।
पहला चरण मई में होगा शुरू
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम का पहला चरण जल्द शुरू कर दिया जाएगा। जनगणना संचालन निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक जमीनी स्तर पर काम करने के लिए 11,000 लोगों को काम पर लगाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि यह सभी लोग एक टीम में एनपीआर को लिए डेटा एकत्रित करने का काम करेंगे। पहले चरण में 16 मई, 2020 से त्रिपुरा में घरों और आवास की जनगणना की सूची की तरह एनपीआर डेटा का संग्रह शुरू होगा।
जून में खत्म हो जाएगा पहले चरण का काम
पहला चरण 29 जून तक के लिए जारी रहेगा, उसके बाद दूसरे चरण को शुरू किया जाएगा। इसमें अगले साल से असली जनगणना ऑपरेशन शुरू होगा। डेटा संग्रह केवल मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाएगा। पीके चक्रवर्ती ने मीडिया को बताया के एनपीआर को लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले 11000 सदस्यों में से करीब 9062 जनगणना कर्मी और लगभग 1556 पर्यवेक्षक व नौ प्रधान जनगणना अधिकारी होंगे।
11000 सदस्यों को काम पर लगाया जाएगा
इन्हीं में अतिरिक्त प्रभारी अधिकारी शामिल होंगे। चक्रवर्ती ने बताया कि सोलह मास्टर प्रशिक्षक 6 से 10 अप्रैल तक अगरतला में 169 फील्ड प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करेंगे। राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार की निगरानी में यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। बता दें कि मनोज कुमार त्रिपुरा राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति के प्रमुख भी हैं उन्होंने केवल ऐप के माध्यम से डेटा एकत्र करने का निर्णय लिया है।
मोबाइल ऐप और पेपर शेड्यूल दोनों का उपयोग
हालांकि एनपीआर के पहले चरण के लिए मोबाइल ऐप और पेपर शेड्यूल दोनों का उपयोग किया जा सकता है। चक्रवर्ती ने कहा कि मोबाइल ऐप के संचालन के माध्यम से डेटा को तेजी से अंतिम रूप दिया जा सकता है और यदि कुछ पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों में खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी का सामना करना पड़ता है तो वहां कार्मियों द्वारा डेटा इकट्ठा किया जाएगा और बात में इसे ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा।
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