NPR: अपने पुराने वीडियो पर चिदंबरम बोले- 'इसमें निवास पर जोर दिया ना कि नागरिकता पर'
नई दिल्ली। देश में इन दिनों नागरिकता से जुड़े मामलों पर बवाल हो रहा है। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर देश में पहले से ही विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का मुद्दा भी बढ़ता जा रहा है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि एनआरसी के उद्देश्य को पूरा करने के लिए एनपीआर लाया गया है।
भाजपा पर निशाना साधा
इस मामले में अब कांग्रेस नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक के बाद एक ट्वीट पर भाजपा पर निशाना साधा है। इन ट्वीट में उन्होंने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि भाजपा ने एनपीआर को 2010 में लॉन्च किए जाने का वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा है कि वीडियो को सुनें, हम देश के "सामान्य निवासियों" की गणना कर रहे थे।
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'एनपीआर ने 2011 की जनगणना में समर्थन दिया'
चिदंबरम ने कहा, 'इसमें निवास पर जोर दिया गया है ना कि नागरिकता पर। हर निवासी की गणना धर्म या जन्म स्थान पर आधारित नहीं थी। एनपीआर ने 2011 की जनगणना में समर्थन दिया था। इसमें कहीं पर भी एनआरसी का जिक्र नहीं है। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के पास एक बड़ा और अधिक भयावह एजेंडा है। यही वजह है कि उन्होंने जिस एनपीआर को मंजूर दी है, वह खतरनाक है। वह एनपीआर 2010 के टेक्सट और कॉन्टेक्सट से भी पूरी तरह अलग है।'
भाजपा बताए- एनआरसी से जोड़ने का कोई इरादा नहीं
उन्होंने आगे कहा, 'अगर सरकार का इरादा सही है, तो उसे बिना शर्त बताना चाहिए कि वह 2010 वाले एनपीआर के डिजाइन का समर्थन करती है और इसे विवादित एनआरसी से जोड़ने का उसका कोई इरादा नहीं है।' बता दें 2010 वाली वीडियो में पी चिदंबरम एनपीआर की वकालत करते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानव इतिहास में पहली बार है, जब हम पहचान, गणना, रिकॉर्ड, गणना करना शुरू कर रहे हैं। 120 करोड़ लोगों के लिए पहचान पत्र जारी कर रहे हैं। ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है।
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