ना लाइन, ना झंझट- अब डाकखाने में मिलेगा रेल टिकट
आप इंटरनेट से अनारक्षित टिकट बुक करा सकते हैं। अब आप रिटायरिंग रूम की ऑन लाइन बुकिंग करवा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने आज रेल बजट पेश किया। रेल बजट में उन्होंने ये सारी घोषणाएं की। ट्रेन में सफर करने वालों के लिए सबसे बड़ा सिर दर्द स्वच्छ खाना और पानी को लेकर होता है। रेल मंत्री ने इस बजट पर में इस बात पर खासा ध्यान दिया। रेल बजट में ट्रेनों में ब्रांडेड कंपनियों का खाना चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की घोषणा की गई है। ट्रेनों में यात्रियों को साफ पानी उपलब्ध करवाने के लिए आरओ लगाए जाएंगे। यात्रियों को अब एसएमएस से खाना मिलेगा।
ट्रेन में सफाई, स्वच्छ भोजन शीर्ष वरीयता
रेलमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने मंगलवार को लोकसभा में 2014-15 के लिए रेल बजट पेश किया, जिसमें रेलवे स्टेशनों पर साफ-सफाई, यात्रियों के लिए प्लेटफार्मो के बीच बैटरी चालित कारें, ऑनलाइन सुविधाओं में बढ़ोत्तरी जैसी बातें खास रहीं। गौड़ा ने कहा, "विकलांगों और वरिष्ठ नागरिकों के प्लेटफार्मों पर आसानी से जाने के लिए बैटरी कारें शुरू की जाएंगी। व्यवसाई यात्रियों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए हमने विभिन्न रेलगाड़ियों में वर्क स्टेशन पेश करने की योजना बनाई है।"
गौड़ा ने बताया कि सभी रेलवे स्टेशनों पर पर्याप्त जलापूर्ति एवं शौचालयों की व्यवस्था होगी। रेलगाड़ियों में खानपान सेवाओं को महत्ता देते हुए उन्होंने बताया कि मांग किए जाने पर रास्ते में रेडी-टू-ईट भोजन की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया, "खान-पान चिंता का सबसे बड़ा विषय है। गुणवत्ता नियंत्रण के लिए एक तीसरे पक्ष का ऑडिट शुरू किया जाएगा। खाने की स्वच्छता और स्वाद में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।"
मौजूदा कारोबारी साल में 58 नई रेलगाड़ियां
रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने मौजूदा कारोबारी साल में 58 नई रेलगाड़ियों की घोषणा की है। मंत्री ने कहा कि रेलवे इस कारोबारी साल में 58 नई रेलगाड़ियां चलाने का प्रस्ताव करता है। इसमें शामिल हैं पांच जन साधारण रेलगाड़ियां, पांच प्रीमियम रेलगाड़ियां, छह एसी (वातानुकूलित) एक्स्प्रेस रेलगाड़ियां, 27 एक्स्प्रेस रेलगाड़ियां, आठ पैसेंजर रेलगाड़ियां, दो एमईएमयू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) कम्यूटर रेलवे सेवा और पांच डीईएमयू (डीजल-इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) सेवा।" उन्होंने कहा कि अवकाश और उत्सव के दिनों की जरूरतें पूरी करने के लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाई जाती रहेंगी।