अब पंजाब में भी हिल रही है कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी, 2 कांग्रेसी सांसदों ने खोला मोर्चा
नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर आसन्न संकट अभी खत्म नहीं हुआ है कि अब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस सरकार की सत्ता पर खतरा बढ़ गया है। पंजाब में जहरीली शराब पीने से मारे 121 लोगों पर पंजाब से चुने गए दो कांग्रेसी सांसद ने मोर्चा खोलते हुए उन्हें हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की बात कही है।
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पंजाब में पनपे नशाखोरी के लिए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह जिम्मेदार हैं
हाल में पंजाब में जहरीली शराब पीने से कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलों ने हादसे के लिए पंजाब में पनपे नशाखोरी के धंधे को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। सांसद बाजवा का कहना है कि पंजाब के सीएम के पास आबकारी एवं कराधान, गृह विभाग और पुलिस है और हादसे के लिए सभी उंगलियों उन्हीं की ओर उठ रही हैं।
मारे गए 121 लोगों को न्याय दिलाने के लिए CBI से जांच कराई जाएः बाजवा
बकौल बाजवा, अगर #HooTragedy में मारे गए 121 लोगों को न्याय दिया जाना है तो CBI या ED द्वारा जांच की जानी चाहिए। बादल के शासन में स्थापित खनन, शराब, केबल, ड्रग्स और परिवहन माफिया पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के शासन में संपन्न हो रहे हैं। अगर कांग्रेस के भविष्य को बचाना है तो हमें राज्य में नेतृत्व बदलने की जरूरत है।
मोर्चाबंदी उठाए दोनों कांग्रेसी सांसदों पंजाब के राज्यपाल को भी पत्र लिखा
पंजाब में कैप्टन सरकार के खिलाफ मोर्चा उठाए हुए दोनों कांग्रेसी सांसद ने मामले पर पंजाब के राज्यपाल को भी पत्र लिखा है। विद्रोही सांसदों ने पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ को भी निशाने पर लिया है। कांग्रेस प्रधान जाखड़ ने दोनों सांसदों को सोनिया गांधी से मिलने के बयान पर टिप्पणी पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रधान उन्हें और सांसद शमशेर सिंह दूलो को साथ लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास चलें। तब देखेंगे कि सोनिया गांधी जाखड़ को घर से निकालती है या फिर उनको।
शोर मचाने के बाद 'कुंभकरण' पांच महीने के बाद घर से बाहर निकले हैं
दरअसल, बाजवा शुक्रवार को हाथी गेट में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के पारिवारिक सदस्यों से मिलने पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिवार वालों से दुख व्यक्त करते हुए सारे घटनाक्रम का ब्योरा लिया। इसके बाद बाजवा ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि उनके द्वारा शोर मचाने के बाद आज 'कुंभकरण' पांच महीने के बाद घर से बाहर निकले हैं।
पंजाब में कांग्रेस को बचाना है तो कैप्टन और जाखड़ को हटाना होगा
प्रताप सिंह बाजवा का साफ-साफ कहना है कि अगर पंजाब में कांग्रेस को बचाना है तो सीएम अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ को उनके पदों से हटाना होगा। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि अगर पार्टी आलाकमान ऐसा निर्णय नहीं लेता है तो कांग्रेस का पंजाब वही हाल होगा जो पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर राय के बाद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का हुआ।
राहुल गांधी मेरे नेता हैं। मैं आज भी उनका करीबी हूंः प्रताप सिंह बाजवा
सांसद बाजवा ने कहा, हम नशे को खत्म करने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, लेकिन अब तक क्या कार्रवाई की गई? इस बारे में उन्होंने आलाकमान को भी अवगत कराया, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। बाजवा ने कहा कि अगर पार्टी मुझे और दूलो को बाहर करती है तो यह शरीर से दिल निकालने की तरह होगा। हालांकि विद्रोही तेवर अपनाए हुए बाजवा कहा कि वो हमेशा से कांग्रेसी रहेंगे। राहुल गांधी मेरे नेता हैं। मैं आज भी उनका करीबी हूं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थन में सामने आए पंजाब के छह मंत्री
इससे पहले राज्य के छह से ज्यादा मंत्री अब मुख्यमंत्री के बचाव में उतर आए। कैप्टन का पक्ष लेते हुए कैबिनेट मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा ने कहा कि यह समय राजनीतिक रोटियां सेंकने का नहीं है, बल्कि सभी पार्टियों को एक मंच पर इकट्ठा होकर संयुक्त प्रयास करने का है। आपदा के समय केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा कांग्रेस विधायकों को बचाने का आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है।
जहरीली शराब के मामले में अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे और मौजूदा राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलों ने जहरीली शराब के मामले में अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मुलाकात कर उन्होंने कहा कि यह बड़ा मामला है और इसकी सीबीआई जांच करवाई जाए।
CM कैप्टन को पंजाब में नशे के अवैध कारोबार के बारे में पूरी जानकारी है
दोनों ने आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री को अवैध कारोबार के बारे में पूरी जानकारी है। इसलिए उनसे इस केस में निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। अवैध कारोबार का सच सामने लाने के लिए सीबीआई और ईडी से मामले की जांच करवाई जाए। पंजाब सरकार ने जालंधर के डिविजनल कमिश्नर राज कमल चौधरी को मामले की न्यायिक जांच करने को कहा है।