दिल्ली में सिखों को साधने की तैयारी में जुटे केजरीवाल!
बेगलुरु। दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधान सभा चुनाव से पहले फ्री सुविधाएं देकर वोट बटोरू कार्यक्रम शुरू किया है। पहले महिलाओं के लिए फ्री बस राइड करवाई और अब मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत दिल्ली सरकार गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की यात्रा भी कराएगी।
यात्रा पर आने वाला पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। इसके तहत दिल्ली के बुजुर्गो को करतारपुर साहिब के भी दर्शन कराए जाएंगे। एक बुजुर्ग के साथ एक अन्य व्यक्ति भी जा सकेगा। यात्रियों को ले जाने, ठहराने, वापस लाने से लेकर उनके खाने-पीने के सभी तरह के खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। पाकिस्तान सरकार को अगर पैसा देना भी पड़ा तो दिल्ली सरकार देगी।
आप सबको पता हैं जहां देश की अन्य राजनीतिक पार्टियां धर्म की राजनीति करती हैं वहीं अरविंद केजरीवाल के लिए शुरुआत में यह इमेज थी कि वह पॉलिटिक्स विकास, भ्रष्टाचार समेत आम जन से जुड़े तमाम मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा करतारपुर साहिब यात्रा से जुड़ा यह फैसला भले ही सिख धर्म के लोगों के हित में लिया गया हैं, लेकिन इससे साफ हो चुका हैं कि अब केजरीवाल को धर्म आधारित राजनीति करने से भी कोई गुरेज नही हैं।
आंकड़ो के मुताबिक दिल्ली में सिख समुदाय के लोग काफी संख्या में रहते हैं। यह फैसला सिख वोट बैंक साधने की केजरीवाल की एक कोशिश हैं। केजरीवाल इस बात को खूब समझते हैं कि उनका असल वोटर कौन हैं और साथ ही वो उनसे चाहता क्या है?
पहले बता दें बीते 9 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद पाकिस्तान के दरबार साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। पिछले सात दशकों में यह अपनी तरह का यह पहला अवसर था, जब नरेंद्र मोदी ने दरबार साहिब की यात्रा के लिए तैयार 500 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया।
दरबार साहिब को ही करतारपुर साहिब के नाम से पुकारते हैं। यह पाकिस्तान के पंजाब के नारोवाल जिले में स्थित है। यह कॉरिडोर पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से पाकिस्तान की सीमा में स्थित करतारपुर साहब गुरुद्वारा को जोड़ता है।
याद दिला दें कि कुछ समय पूर्व दिल्ली में चुनाव का माहौल बनते ही महिलाओं के लिए मेट्रो और बसों में महिलाओं की मुफ्त यात्रा की सुविधा दी थी। इतना ही नहीं महिलाओं की बस और मेट्रो यात्रा को फ्री करने के पीछे केजरीवाल ने महिला सुरक्षा का हवाला देकर उनका मन जीतने की कोशिश की थी। इसलिए माना जा रहा है कि ये स्कीम भी आने वाले चुनावों में केजरीवाल को खूब फायदा पहुंचाएगी।
केजरीवाल ने इस भरोसे को और अधिक मजबूत करते हुए 2014 में बने स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट को लागू किया है। बता दें कि ये पहली बार हुआ है जब किसी राज्य ने इसे लागू किया है। इस एक्ट के अंतर्गत दिल्ली के रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को लाइसेंस दिया जाएगा। जिससे वसूली पर रोक लगेगी। साथ ही इस एक्ट में इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि, आम नागरिकों कि सुविधाओं और ट्रैफिक पर इन रेहड़ी-पटरी दुकानदारों का कोई असर न पड़े।केजरीवाल दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो इसमें रेहड़ी-पटरी दुकानदारों का बड़ा योगदान होगा।
जनता को हर साल हजारों रूपये वाटर टैक्स के रुप में भरने पड़ते हैं। पिछले अगस्त में केजरीवाल ने दिल्ली वालों का पानी फ्री करने की घोषणा की थी। इस स्कीम के अंतर्गत दिल्ली सरकार ने पानी के बकाया बिलों को माफ कर दिया था। बताया गया था कि इस स्कीम का लाभ उन्हें मिलेगा, जिनके घरों में फंक्शनल मीटर हैं।
केजरीवाल सरकार ने ये भी घोषणा की कि जिन उपभोक्ताओं ने 30 नवंबर 2018 से पहले मीटर लगवाएं हैं उन्हें ही इस योजना से लाभ दिया जाएगा। साथ ही जिन उपभोगताओं के घर में फंक्शनल मीटर हैं उन सभी की लेट फीस भी माफ कर दी जाएगी। दिल्ली में पीने का साफ़ पानी जैसे लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत है कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बिल्कुल सही समय पर एक सही दाव खेला और जिसमें वो कामयाब रहे।
बिजली को लेकर जो कुछ भी केजरीवाल सरकार ने किया है उसकी तारीफ विपक्ष तक करता है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त कर दी है। यानी जिसका बिल 200 यूनिट के अन्दर आएगा उसे उसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। अब भले ही अपने इस ऑफर के बाद खुद दिल्ली सरकार की रीढ़ टूट चुकी हो।
राज्य सरकार भारी नुकसान में हो, मगर वो अपने उस वोटर को रिझाने में कामयाब हुई है जो अब तक बिजली के बढ़े हुए बिल की मार क्षेल रहा था। बिजली को इस तरह फ्री किये जाने पर जब सरकार की आलोचना हुई तो अपना पक्ष रखकर उसने उन लोगों की बोलती बंद करने का प्रयास किया जिन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा की गई इस घोषणा के बाद दिल्ली में बिजली को एक बड़ा मुद्दा बना दिया था।
स्कूलों में सुधार केजरीवाल के कार्यकाल में दिल्ली के स्कूल हैं और उनमें जिस तरह का सुधार हुआ है वो अन्य राज्यों के लिए मिसाल हैं। केजरीवाल सरकार ने जो कुछ भी शिक्षा के लिए किया है उसने भाजपा को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आश्चर्यजनक रूप से सुधार देखने को मिला है। इसके अलावा जो कुछ भी केजरीवाल ने प्राइवेट स्कूलों की फीस के लिए किया उसने भी काफी हद तक उनका वोट उस वर्ग के बीच मजबूत कर दिया है जिनकी कमर बच्चों की भारी भरकम फ़ीस ने तोड़ कर रख दी थी।
देश की राजधानी दिल्ली में पिछले ढाई साल में 1.42 लाख लोगों का फ्री इलाज और जांच किया गया है। इसके साथ ही राजधानी में पिछले तीन साल में सरकार की मुफ्त योजना का लाभ भी करीब 1.42 लाख लोगों तक पहुंचा है। साल 2017 में सभी के लिए मुफ्त और बेहतर स्वास्थ्य सेवा की योजना बनाई थी।
इसके लिए दिल्ली आरोग्य कोष (डीएके) की घोषणा की गयी थी। दिल्ली सरकार सभी को मुफ्त और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना चाहती है, साथ ही मरीजों का समय पर इलाज सुनिश्चित करते हुए सरकारी अस्पतालों पर बोझ कम करने का भी प्रयास किया जा रहा है।
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