#Article370 खत्म होने के बाद कारगिल बना लद्दाख का हिस्सा, बदली जन्नत की तस्वीर
नई दिल्ली। सोमवार को मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला किया है, जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के मिलने वाले स्पेशल स्टेटस को अब खत्म कर दिया गया है, कल राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया, बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े , इस बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं, इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब हमारी जन्नत की तस्वीर पूरी बदल गई है।
जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019
दरअसल जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 के कानून बनने के बाद जम्मू-कश्मीर का मानचित्र पूरा बदल गया है, इससे लद्दाख अलग हो गया है और यही नहीं केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सामरिक दृष्टि से अहम करगिल जिला भी लद्दाख के साथ ही कश्मीर से अलग हो गया है, अब विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक करगिल और लेह जिले को मिलाकर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा।
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कारगिल का इतिहास
देश के वीरों ने जहां अपनी भारत माता को बचाने के लिए हंसते-हंसतेअपने प्राण न्यौछावर किए थे, वो पावन धरती कारगिल ही है, साल 1999 में हुए कारगिल वॉर की वजह से इस जगह को पूरा विश्व जान गया, यह जिला नियंत्रण रेखा के नजदीक स्थित है और पाक प्रशासित गिलगिट बलूचिस्तान से घिरा हुआ है।
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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में होंगे अब ये बदलाव
- लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर की सहायता के लिए अब केंद्र सरकार सलाहकार नियुक्त करेगी।
- राज्यसभा के चार मौजूदा सांसद जो जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व करते हैं वे अब केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
- नए जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में 5 सांसद होंगे और लद्दाख के लिए एक सांसद होगा।
- जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होगा।
- जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी और उसके पास दिल्ली की तरह के अधिकार होंगे।
- जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी और ये चंडीगढ़ की तरह केंद्रशासित प्रदेश होगा।
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