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मध्यप्रदेश में कांग्रेस को लग सकता है एक और बड़ा झटका

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नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी जहां सत्ता में अपनी वापसी को लेकर आश्वस्त दिख रही है तो वहीं प्रदेश में 15 साल का वनवास खत्म होने के आस में बैठी कांग्रेस की राह में कई अड़चने हैं। कांग्रेस को जिस तरह से मायावती ने झटका दिया है उसके बाद कांग्रेस अब दूसरे विकल्पों पर विचार कर रही है। कांग्रेस मध्यप्रदेश में बीजेपी विरोधी मतों के विभाजन को रोकने के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) जैसी छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है। लेकिन फिलहाल उसकी इस कोशिश को एक और झटका लग सकता है। 'जयस' ने कांग्रेस को अल्टीमेटम दे दिया है की वो गठबंधन को लेकर 2 अक्टूबर से पहले तक कोई निर्णय नहीं ले नहीं तो फिर रास्ते अलग-अलग होंगे।

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'जयस' का अल्टीमेटम
जयस अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा है कि हमने गठबंधन के लिए कांग्रेस को 2 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन हमारे साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस को फैसला करना है। जयस की मध्यप्रदेश के धार जिले के कुक्षी में 2 अक्टूबर रैली है और अगर इससे पहले काग्रेस कोई फैसला नहीं लेती है तो जयस अपने 80 उम्मीदवारों की घोषणा करेगा। इसके बाद वापस हटना असंभव होगा।

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कांग्रेस से मांगी 25 सीटें

कांग्रेस से मांगी 25 सीटें

जयस के अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, पार्टी के राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया और दिग्विजय सिंह से मुलाकात की है। जयस ने कांग्रेस के सामने अपनी शर्तें रख दी हैं और 25 सीटों की मांग की है। इसके अलावा जयस की दो प्रमुख मांगे हैं। एक तो जयस चाहता है कि कांग्रेस मुख्यमंत्री पद के लिए किसी आदिवासी चेहरे पर विचार करे और दूसरा कांग्रेस ये वादा करे कि प्रदेश में भारत के संविधान की पांचवीं अनुसूची लागू की जाएगी।
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आदिवासी समुदाय का दबदबा

आदिवासी समुदाय का दबदबा

राज्य विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों में से बीजेपी को 32 और कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसके अलावा करीब 30 सीटें ऐसी मानी जाती हैं जहां पर काफी संख्या में आदिवासी आबादी है। राज्य में आदिवासी समुदाय की कुल आबादी 21 फीसदी से अधिक है। कुल मिलाकर जनजातीय समुदाय प्रदेश की 80 सीटों पर दबदबा रखता है और अगर गठबंधन नहीं होता है तो जयस इन्हीं 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा।

'जयस' की बढ़ती ताकत

'जयस' की बढ़ती ताकत

मध्यप्रदेश में आदिवासियों और किसानों के मुद्दों को लेकर जयस 2013 से लगातार अंदोलन कर रही है। जयस का मध्यप्रदेश में सबसे मजबूत आधार मालवा और निमाड़ के कुछ जिलों में है। इनमें रतलाम, झबुआ, धार, खंडवा, बड़वानी और खरगोन शामिल हैं। जयस की इसी ताकत को देखते हुए कांग्रेस भी उससे गठबंधन तो करना चाहती है लेकिन अभी तक उसकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है। इधर 5 अगस्त को शिवराज सिंह चौहान ने भी डॉ. हीरालाल अलावा से बात की थी और उन्हें बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन उन्होंने बीजेपी में शामिल होने से इंकार कर दिया।

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English summary
Now its JAYS turn, if Congress doesn’t reach out by 2 Oct, we will announce our candidates
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