RBI के निर्देश के बाद नहीं हो रही है 2000 के नोटों की छपाई, RTI से खुलासा
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने पिछले साल नोटबंदी का फैसला किया। इस फैसला का एक साल बस पूरा ही होने वाला है। नोटबंदी के फैसले पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने है। विपक्ष जहां इस फैसले को सरकार की नाकामी करार दे रही है तो वहीं मोदी सरकार इसे अपनी कामियाबी के तौर पर गिनवा रही है। नोटबंदी के फैसले के बाद जहां देशभर में 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए गए, वहीं पहली बार 2000 का नोट जारी किया गया।
RBI ने रोकी 2000 के नोटों की छपाई
इस
2000
के
नोट
को
लेकर
भी
कई
बार
सवाल
उठे।
शुरूआत
से
इस
नोट
लेकर
कहा
जाता
रहा
है
कि
ये
नोट
ज्यादा
दिनों
तक
चलन
में
नहीं
रहेगा।
दिसंबर
2016
में
आरएसएस
विचारक
एस
गुरुमूर्ति
ने
भी
इस
नोट
को
लेकर
कहा
था
कि
इसकी
जमाखोरी
वाली
सोच
लें
कि
ये
नोट
ज्यादा
दिनों
तक
नहीं
चलने
वाले।
वहीं
एक
मीडिया
रिपोर्ट
में
दावा
किया
गया
कि
आरबीआई
की
ओर
से
2000
रुपये
के
नोटों
आपूर्ति
सीमित
की
जा
रही
है।
लेकिन
सरकार
ने
राज्य
सभा
में
साफ
किया
था
कि
2000
रुपये
के
नोटों
के
विमुद्रीकरण
की
कोई
योजना
नहीं
है।
नहीं छापे जा रहे हैं 2000 रु. के नोट
अब
इन
नोट
को
लेकर
RTI
के
तहत
जानकारी
मांगी
गई
है।
जिसमें
रिजर्व
बैंक
ऑफ
इंडिया
से
2000
रुपये
के
नोट
पर
जानकारी
मांगी
गई।
इस
सूचना
के
अधिकार
के
तहत
मांगी
गई
जानकारी
के
जवाब
में
सिक्योरिटी
प्रिंटिंग
एंड
मिंटिंग
कॉरपोरेशन
ऑफ
इंडिया
लिमिटेड
ने
कहा
है
कि
2000
रुपये
के
नोटों
की
छपाई
के
लिए
आरबीआई
की
ओर
से
कोई
मांग
नहीं
भेजी
गई
है।
उन्होंने
अपने
जवाब
में
लिखा
है
कि
अभी
सिर्फ
500
रुपए
के
नोटों
और
इससे
कम
मूल्य
के
नोटों
को
प्रिंट
किया
जा
रहा
है।
2000 रु. के नोटों का भविष्य
यानी
इस
जवाब
से
साफ
हो
रहा
है
कि
आरबीआई
के
निर्देश
पर
फिलहाल
2000
के
नोटों
की
छपाई
रोकी
गई
है।
हालांकि
ये
फैसला
स्थाई
है
या
अस्थाई
ये
साफ
नहीं
हो
पाया
है।
ऐसे
में
ये
कहना
सही
नहीं
होगा
कि
2000
के
नोट
चलन
से
बाहर
हो
जाएंगे।
लेकिन
इसकी
छपाई
को
फिलहाल
रोका
गया
है।