अब रोटी और पराठे पर लगेगा अलग-अलग GST, फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने लिए मजे
नई दिल्ली। कर्नाटक में अब रोटी और पराठा के बीच बहस छिड़ गई है, अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (एएआर) का कर्नाटक की बेंच ने शुक्रवार को रोटी और पराठा को दो अलग-अलग वर्ग में रखते हुए रोटी पर 5 फीसदी और पराठे पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने का फैसला सुनाया है। एएआर के इस आदेश को लेकर लोग अब सोशल मीडिया पर खूब मजे ले रहे हैं। आदेश में कहा गया कि रोटी और पराठा में अंतर है इसलिए इन पर अलग-अलग दर से जीएसटी लगाया जाएगा। इस खबर पर प्रख्यात उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी ट्वीट कर चुटकी ली है।
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एएआर में रोटी और पराठे को लेकर बहस
दरअसल, एएआर एक निजी फूड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी व्हाइटफील्ड की एक याचिका पर सुनवाई करने के दौरान यह आदेश दिया है। रेडिमेड फूड आइटम्स बनाने वाली यह कंपनी गेहूं के आटे से बने पराठे और मालाबार पराठों पर जीएसटी की दर तय कराने पहुंची थी, यचिका में कंपनी की तरफ से कहा गया कि मालाबार पराठे को 'खाखरा, चपाती या रोटी' की श्रेणी में घोषित किया जाए। हालांकि एएआर ने याचिका में की गई इस मांग को खारिज कर दिया। बता दें कि रोटी पर सिर्फ पांच फीसदी की दर से ही जीएसटी लगता है।
Me after eating 2 extra parathas: pic.twitter.com/VjrAGQvBD8
— Rahi Jain (@IamRahiJ) June 12, 2020
एएआर ने दी ये दलील
एएआर ने रोटी और पराठा पर अलग-अलग जीएसटी दर लगाने के फैसले पर दलील देते हुए कहा, रोटी पहले से ही बना-बनाया या पूरी तरह से पका हुआ उत्पाद है जबकि पराठे को खाने के लिए परोसने से पहले गरम किया जाता है। बता दें कि पीठ जिस पराठे की बात कर रही है वह रेडी टु कुक यानी पहले से ही तैयार पराठा है जिसे सिर्फ गर्म करने की जरूरत होती है। इस पराठे को खाने लायक बनाने के लिए और प्रोसेसिंग करने की जरूरत पड़ती है।
With all the other challenges the country is facing, it makes you wonder if we should be worrying about an existential crisis for the ‘Parota.’ In any case, given Indian jugaad skills, I’m pretty sure there will be a new breed of ‘Parotis’ that will challenge any categorisation! https://t.co/IwHXKYpGHG
— anand mahindra (@anandmahindra) June 12, 2020
आनंद महिंद्रा ने ली चुटकी
एएआर के इस आदेश पर जहां सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है वहीं उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'जिस समय देश महामारी के संकट से गुजर रहा है, उस दौराय यह खबर चौकाने वाली है कि हम पराठे को लेकर चिंति हैं। भारतीयों में जुगाड़ का जो कौशल है उससे मुझे यकीन है कि हम कोई परोटीज का एक तीसरी श्रेणी तैयार कर लेंगे।'
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