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दिल्‍ली-NCR में रहते हैं और मोबाइल खो या चोरी हो गया तो ऐसे फौरन होगा बरामद, सरकार ने लॉन्‍च किया पोर्टल

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नई दिल्‍ली। अगर आप दिल्‍ली-एनसीआर में रहते हैं आपका मोबाइल फोन चोरी हो गया है तो घबराने की बात नहीं है क्‍योंकि आप अब इसे आसानी से पता लगा सकते हैं। सरकार ने सोमवार को एक वेब पोर्टल पेश किया। यह दिल्ली में खोए और चोरी हुए मोबाइल फोन को बंद करवाने और उसका पता लगाने (ट्रेसिंग) की सुविधा देगा। इस पहल को सितंबर में मुंबई में पेश किया गया था। इसे दिल्ली-एनसीआर के लिए अब शुरू किया गया है। साल 2020 में इसके देश के अन्य हिस्सों में भी शुरू होने की उम्मीद है। इस पोर्टल पर दिल्ली-एनसीआर के लोग मोबाइल चोरी या गुम हो जाने पर सीधी शिकयत दर्ज करा सकेंगे। साथ ही लोग सरकार की वेबसाइट पर जाकर नंबर को ब्लॉक भी कर सकते हैं।

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Stolen Mobiles ढूंढना हुआ आसान, Government ने Launch की ये नई सेवा । वनइंडिया हिंदी
सितंबर 2020 में होगी टेस्‍टिंग

सितंबर 2020 में होगी टेस्‍टिंग

इस सिस्टम को सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स (CDOT) ने तैयार किया है। इसे डिवेलप करने में दिल्ली पुलिस और डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम ने भी CDOT की मदद की है। इस प्रॉजेक्ट की टेस्टिंग इसी साल सितंबर में शुरू हुई थी। तो आइए जानते हैं कि कैसे आप इस पोर्टल की मदद से अपने खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगा सकते हैं।

5.36 करोड़ मोबाइल यूजर्स को फायदा

5.36 करोड़ मोबाइल यूजर्स को फायदा

इसके बाद मोबाइल देश में किसी भी टेलीकॉम सर्कल में और किसी भी टेलीकॉम कंपनी के नेटवर्क पर काम नहीं करेगा। सरकार के इस कदम से बड़े पैमाने पर चल रही मोबाइल चोरी की घटनाओं पर लगाम लगेगी। सरकार की इस सेवा से 5.36 करोड़ मोबाइल यूजर्स को फायदा होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस सेवा को सबसे पहले मुंबई में शुरू किया गया था।

ये है वेबसाइट

ये है वेबसाइट

लॉन्चिंग के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि अब दिल्ली और एनसीआर के यूजर्स मोबाइल गुम या चोरी होने पर https://www.ceir.gov.in साइट पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हालांकि, लोगों को पुलिस में भी शिकायत दर्ज करानी होगी। टेलीकॉम सचिव अंशु प्रकाश ने बताया कि देश के किसी भी कोने में अगर चोरी हुआ मोबाइल इस्तेमाल किया जा रहा होगा तो उसकी लोकेशन पता चल जाएगी और उसे ट्रेक किया जा सकेगा। जिसके जरिए पुलिस उस मोबाइल तक आसानी से पहुंच सकती है। इससे मोबाइल चोरी की घटनाओं में भारी कमी आएगी।

IMEI की क्लोनिंग पर लगेगी रोक

IMEI की क्लोनिंग पर लगेगी रोक

सभी मोबाइल में उनकी पहचान के लिए एक यूनीक IMEI नंबर होता है। यह नंबर रिप्रोग्रामेबल (बदलाव किए जा सकता है) होता है, जिसकी वजह से चोरी करने वाले जालसाज इसे रिप्रोग्राम कर देते हैं। इसके चलते IMEI की क्लोनिंग हो जाती है और एक ही IMEI नंबर पर कई फोन इस्तेमाल कर लिए जाते हैं। टेलिकम्युनिकेशन्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, आज की तारीख में क्लोन/ड्यूप्लिकेट IMEI हैंडसेट के कई मामले सामने आते हैं। अगर ऐसे आईएमईआई नंबर ब्लॉक कर दिए जाएं, तो जिनका मोबाइल चोरी हुआ है, उन्हें परेशान होना पड़ेगा। इस वजह से डुप्लिकेट और फेक आईएमईआई वाले फोन से छुटकारा पाने की जरूरत है। इसी समस्या के लिए इस पोर्टल को शुरू किया गया है।

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English summary
Phones users in Delhi-NCR who lose their handsets will now have some respite, with the government launching a portal that will enable blocking and tracing of stolen or lost mobile phones.
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