अब गंभीर डेवलपमेंटल चुनौतियों से निपटने में भी भारत की मदद करेगा अमेरिका!
नई दिल्ली। कोरोनावायरस संकट के बीच चीन के खिलाफ बढ़ी तनातनी ने भारत और अमेरिका के संबंधों में रणनीतिक रूप से सुधार हुआ है। इसकी बानगी ही कहेंगे कि न केवल अमेरिकी ने लद्दाख में सीमा विवाद में अमेरिका भारत के साथ खड़ा रहा, बल्कि अब अमेरिकी प्रशासन लॉकडाउन के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में पैदा हुई गंभीर चुनौतियों में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए पहल की है।
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने भारत को उसकी सर्वाधिक गंभीर विकासात्मक चुनौतियों से अभिनव वित्तीय उपकरणों के जरिए निपटने में मदद की पेशकश की है। यूएसएआईडी के कार्यकारी प्रशासक जॉन बार्सा ने हाउस फॉरन अफेयर्स कमिटी के सदस्यों से कहा कि हम अभी अमेरिका-भारत विकास फाउनडेशन में प्रस्ताव रखा है।
जब राजस्थान में डूब रहा था अशोक गहलोत का राजनीतिक कैरियर, तब सचिन पायलट ने संभाला था मोर्चा!
जॉन बार्सा ने कहा, हम भारत को उसकी सर्वाधिक गंभीर विकासात्मक चुनौतियों से निपटने के लिए उसे अपने ही संसाधनों को इकट्ठा करने में मदद करेंगे। विदेशी सहायता के लिए राजकोषीय 2021 बजट अनुरोध पर सुनवाई के दौरान उन्होंने कांग्रेस समिति से कहा कि ट्रम्प प्रशासन को भारत के साथ अपने संबंधों पर गर्व है।
चीन के खिलाफ बनते माहौल का दिखने लगा है असर, जानिए अब तक भारत में कितना हुआ है निवेश?
बार्सा ने आगे कहा कि अमेरिका का भारत के साथ संबंध एक शानदार सफलता की कहानी है और हम उनके साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं। इस बीच सांसद जोई विल्सन ने कहा कि वह भारत के साथ अमेरिका के बढ़ते संबंधों से उत्साहित हैं।
दुनिया जानती है कि कैसे चीन सभी देशों के लिए चुनौतियां खड़ी कर रहा है: ब्रिटिश उच्चायुक्त