तो इसलिए नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी और बेटे ने ठुकराया सरकारी लाभ का पद
शाहकोट। पंजाब में सिद्धू परिवार के खिलाफ बनते राजनैतिक महौल को देखते हुए कबीना मंत्री नवजोत सिद्धू की पत्नी व बेटे ने सरकार से मिले ओहदों को ठुकरा दिया है। शाहकोट उपचुनाव में अकाली दल सिद्धू के खिलाफ खासा आक्रामक हो रहा था जिसके चलते आज यह फैसला लिया गया। अचानक घटे घटनाक्रम में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू तथा बेटे कर्ण सिद्धू को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाए जाने के हो रहे विरोध के बाद दोनों ने पद लेने से मना कर दिया है।
पद देने के लिए जताया आभार, लेकिन लेने से मना किया
इस बात की जानकारी आज नवजोत सिद्धू ने दी। उन्होंने कहा कि सीएम अमरिंदर सिंह ने मेरे परिवार को मौका दिया उसके लिए मैं उनका आभारी हूं। सिद्धू ने कहा कि मेरे बेटे को असिस्टेंट एडिशनल एडवोकेट जनरल का पद नहीं चाहिए, मेरी पत्नी ने भी कहा कि वो पंजाब वेयर हाउस निगम की चेयरपर्सन का पद नहीं चाहती। वहीं पद ठुकराने की बात पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि काबीलियत के आधार पर दोनों को पद दिए गए थे।
विपक्ष और लोगों ने जताया विरोध
कर्ण को पद मिलने की खबर सुनते ही विपक्ष के साथ-साथ लोगों ने भी इस बात का काफी विरोध जताया। इतना ही नहीं मैडम सिद्धू की फेसबुक पोस्ट पर लोगों ने जमकर भड़ास निकाली जिसके जवाब मैडम सिद्धू ने बाखूबी दिए। इन सभी बातों का नतीजा ये निकला कि दोनों ने पद संभालने से इंकार कर दिया। मालूम हो कि रहे कि कभी नवजोत सिंह सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने का विरोध करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह खासे मेहरबान नजर आए।
सीएम अमरिंदर सिंह ने दिए थे दोनों को पद
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह ने पिछले करीब एक महीने में सिद्धू को दो बड़े तोहफे दिए हैं। उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को वेयरहाउस का चेयरपर्सन बनाने के बाद कैप्टन सरकार ने अब सिद्धू के बेटे कर्ण सिद्धू को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाया गया है। इस नियुक्ति पर पंजाब में राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने इस नियुक्ति को लेकर कैप्टन सरकार व सिद्धू पर निशाना साधा जिसके बाद दोनों मां-बेटे ने ये पद ठुकरा दिए।
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