पूर्व CJI पर टिप्पणी को लेकर सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस
नई दिल्ली। संसद में राम मंदिर और पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई को लेकर की गई टिप्पणी मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बुधवार को भाजपा ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव की मांग की। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सांसद महुआ मोइत्रा के बयान को रिकॉर्ड से हटा दिया गया था, लेकिन उन्होंने जान बूझकर ये बयान दिया। महुआ मोइत्रा पर विशेषाधिकार हनन का मामला चलाया जाए और उनकी सदस्यता खत्म की जाए।
गौरतलब है कि गत सोमवार तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने स्पीकर के समक्ष राम मंदिर और पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के फैसले पर सवाल उठाते हुए विवादित बयान दिया। राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने राम मंदिर को लेकर पूर्व सीजेआई के फैसले को लेकर अभद्र टिप्पणी की जिसकी सदन में बीजेपी और सरकार की तरफ से तीखी आलोचना की गई थी। सदन में जोरदार हंगामे के बीच महुआ मोइत्रा ने बोलना जारी रखा और कहा कि पूर्व सीजेआई गोगोई ने दबाव में आकर राम मंदिर मामले पर फैसला सुनाया।
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सांसद महुआ मोइत्रा की इस टिप्पणी की आलोचना करते हुए भाजपा सांसदों पीपी चौधरी और निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस दिए हैं। पीपी चौधरी ने बुधवार को कहा कि हमने टीएमसी सांसद के खिलाफ नोटिस दिया है। अगर सदन का कोई सदस्य नियम के खिलाफ बोलता है तो विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है। इस मामले पर बोलते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि महुआ मोइत्रा ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश के बारे में जो बातें की हैं वैसी टिप्पणी भाजपा की तरफ से कभी भी नहीं की गई।