नोटबंदी की रिपोर्ट को कृषि मंत्री ने किया खारिज, कहा- किसानों को नहीं हुआ नुकसान
नई दिल्ली। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि उनके मंत्रालय ने नोटबंदी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। राधामोहन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि नोटबंदी से खाद-बीज की बिक्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। बता दें कि मीडिया में खबर चली थी कि कृषि मत्रालय ने माना है कि नोटबंदी की वजह से किसानों पर बुरा असर पड़ा था। मंत्रालय के मुताबिक, पैसों की किल्लत की वजह से खाद बीज खरीदने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, हालांकि कृषि मंत्री ने इस खबर को बेबुनियाद बताया है।
राधामोहन सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'कुछ मीडिया चैनल और समाचार पत्र खबर चला रहे हैं कि कृषि मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि नोटबंदी ने किसानों को प्रभावित किया था और नकद की कमी के कारण बीज खरीदने में असमर्थ हुए थे। यह सच से बहुत परे है।'
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने ट्विट कहा कि कि 2016-17 में जब नोटबंदी हुई तो गेहूं के अलावा ज्यादातर बीजों का वितरण हो चुका था। भारत सरकार और राज्य सरकार ने यह आदेश दिए थे कि 500 और 1000 के पुराने नोट भी स्वीकार किए जाएं। 2016-17 के रबी सीजन में बीज का वितरण 348.58 लाख टन रहा जो कि 2015-16 में 304.04 लाख टन से ज्यादा था। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि नोटबंदी का रबी की फसल पर कोई विपरीत असर पड़ा।
मोदी के मंत्री ने नोटबंदी को ऐतिहासिक और साहसिक कदम बताते हुए राष्ट्र निर्माण के हित में फैसला बताया। बता दें कि मीडिया में खबरें चली थी कि देश के कृषि मंत्रालय ने माना है कि नोटबंदी की वजह से देश के किसानों पर बुरा प्रभाव पड़ा, जिसका कृषि मंत्री ने खंडन कर दिया।
मीडिया में चली खबरों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोड़ों किसानों को बर्बाद कर दिया और यह अब उनका मंत्रालय भी स्वीकार कर रहा है।
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