मोदी सरकार बोली- हमने नहीं मांगे 3.6 लाख करोड़ रुपए, मीडिया रिपोर्ट गलत
नई दिल्ली। मोदी सरकार और आरबीआई के साथ जारी विवाद के बीच सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि उसने भारतीय रिजर्व बैंक से 3.6 लाख करोड़ रुपए की मांग नहीं कर रही है। सरकार ने इस संबंध में उन मीडिया रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट के जरिए कहा है कि सरकार का राजकोषीय गणित पूरी तरह से ट्रैक पर है और आरबीआई से 3.6 लाख करोड़ रुपए की मांग का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल केंद्रीय बैंक की आर्थिक पूंजी व्यवस्था तय करने के बारे में चर्चा कर रही है।
आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 में सरकार का राजकोषीय घाटा 5.1 प्रतिशत था। 2014-15 में सरकार इसे कम करने में सफल ही। वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में राजकोषीय घाटे को 3.3 तक सीमित कर देंगे। उन्होंने राजकोषीय लक्ष्यों को लेकर अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने इस साल के बजट में बाजार से कर्ज लेने के लक्ष्य में खुद ही 70,000 करोड़ रुपए की कटौती कर चुकी है।
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राहुल
गांधी
ने
सरकार
पर
साधा
था
निशाना
बता
दें
कि
पिछले
सप्ताह
से
मीडिया
रिपोर्ट
के
माध्यम
से
यह
बात
सामने
आई
थी
कि
मोदी
सरकार
आरबीआई
से
3.6
लाख
करोड़
रुपए
की
मांग
कर
रही
है।
इस
संबंध
में
कांग्रेस
अध्यक्ष
राहुल
गांधी
ने
मोदी
सरकार
पर
निशाना
साधते
हुए
कहा
था
कि
पीएम
को
अपने
विलक्षण
आर्थिक
ज्ञान
के
कारण
फैली
अव्यवस्था
को
ठीक
करने
के
लिए
आरबीआई
से
3.60
लाख
करोड़
रुपए
राशि
की
जरूरत
पड़
गई
है।
इस
संबंध
में
राहुल
गांधी
ने
एक
मीडिया
रिपोर्ट
भी
अपने
ट्विटर
पर
शेयर
किया
था।
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