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पीएम मोदी नहीं 24 वर्ष के सुब्रतो ने दी अपने हीरो डा.कलाम को पहली श्रद्धांजलि

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हैदराबाद। आज देश के पूर्व राष्‍ट्रपति डा. एपीजे अब्‍दुल कलाम का जन्‍मदिन है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्‍ली में डॉक्‍टर अब्‍दुल कलाम को सैनिक सम्‍मान के साथ श्रद्धांजलि दी। जहां गुरुवार को दिल्‍ली में पीएम मोदी राष्‍ट्रपति को श्रद्धांजलि दे रहे थे उससे पहले हैदराबाद में 24 वर्ष का युवा अपनी तरह से अपने गुरु को याद कर रहा था।

क्‍या किया सुब्रतो ने

24 वर्ष के सुब्रतो मैती सुपरवाइजर और पार्टटाइम कुक हैं। हजारों युवाओं की ही तरह डा. कलाम सुब्रतो के भी आदर्श और उनके नायक हैं। हैदरबाद स्थित रिसर्च सेंटर इमारत आरसीआई में डॉक्‍टर कलाम की मूर्ति है और इसके सामने ही एक बाग है।

इस बाग को 'कलाम पार्क' नाम दिया गया है। यह बाग यहां पर स्थित फैसिलिटी हाउस के सामने ही है और यहीं पर डॉक्‍टर कलाम अक्‍सर अपने हैदराबाद प्रवास के दौरान रुकते थे।

पढ़ें-किससे प्रेरणा लेते डॉक्टर अब्दुल कलाम

गुरुवार को सुबह जल्‍दी उठ गए सुब्रत

गुरुवार को सुब्रतो सुबह उठते ही कलाम की मूर्ति के पास पहुंच गए। यहां पर उन्‍होंने मूर्ति की सफाई की और उस पर माला चढ़ाई। इसके बाद उन्‍होंने डॉक्‍टर कलाम के लिए प्रार्थनी की।

रामेश्वरम में मिला है डॉक्टर कलाम को भगवान का दर्जा

सुब्रतो से जब पूछा गया कि क्‍या उन्‍हें डीआरडीओ अधिकारियों की ओर से इसकी सफाई का निर्देश दिया गया। तो सुब्रतो ने जवाब दिया कि नहीं। उन्‍होंने बताया कि वह हमेशा से ही डॉक्‍टर कलाम को अपना आदर्श मानते आए हैं। वह हमेशा से ही उनके लिए आकर्षित रहे हैं।

रात में हर कर ली थी सारी तैयारी

सुब्रतो को मालूम था कि गुरुवार को उनके हीरो का जन्‍मदिन है और इसलिए उन्‍होंने बुधवार रात में ही तय कर लिया था कि वह इस हिस्‍से की सफाई करेंगे। सुब्रतो की मानें तो यह उनका कर्तव्‍य है।

वह लोगों के जागने से पहले अपने काम को कर लेना चाहते थे। वह सुबह जल्‍दी पहुंच गए थे लेकिन फिर भी उन्‍हें लगता है कि वह लेट हो गए थे।

सुब्रतो ने रात में बगीचे से फूल इकट्ठा कर गेस्‍ट हाउस में ही उनकी माला तैयार की थी। माला खराब न हो इस‍के लिए उसे फ्रिज में रख दिया था। सुब्रतो के शब्‍दों में, 'कलाम सर मेरे हीरो हैं। वह एक ऐसे व्‍यक्ति थे तो हमेशा मेरे जैसे लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।'

ओडिशा के रहने वाले हैं सुब्रतो

सुब्रतो के पिता एक मुछआरे हैं वह ओडिशा के रहने वाले हैं। सुब्रतो ने अपनी स्‍कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। इसके बाद वह डीआरडीओ के जेसी भट्टाचार्य गेस्‍ट हाउस में काम कर रहे हैं। यह गेस्‍ट हाउस हैदराबाद के मिसाइल कॉम्‍प्‍लेक्‍स में स्थित है।

सुब्रतो अपनी जिंदगी में कलाम सर के सिद्धांतों का ही अनुपालन करना चाहते हैं। 27 जुलाई को जब उनका हीरो इस दुनिया से चला गया था तो सुब्रतो पूरी रात रोते रहे थे।

सुब्रतो के पास कलाम सर के साथ खिचवाईं फोटोग्राफ है और सुब्रतो के लिए यह किसी भी खजाने से बढ़कर है। अक्‍सर डॉक्‍टर कलाम सुब्रतो और बाकी कुक के खाने की तारीफ भी करते थे।

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English summary
24 old Subrato Maity, a supervisor-cum-part-time-cook, decided to pay a small tribute to Dr Kalam, his hero in life, on the occasion of his 84th birth anniversary.
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